विविध

तुम भगवान पर आश्रित हो जाओ और भगवान के भरोसे जीना प्रारंभ कर दो- आचार्य पं. हर्षित शास्त्री

शोभायात्रा में मातृशक्तियां कलश धारण कर हुई शामिल, आचार्य पं. हर्षित शास्त्री ने कराया भक्तों को कथा का रसपान

इन्दौर । हर व्यक्ति को किसी न किसी पर भरोसा रहता है, एक नौकर कहता है कि मेरा सेठ है, जब मेरे घर में विवाह या कोई मौका आएगा तो मेरा सेठ मुझे पैसा दे देगा और मेरे बच्चों का विवाह निपट जाएगा। एक व्यक्ति को भरोसा रहता है कि मेरे पास सोने के गहने घर में रखे हुए हैं। जरूरत पडऩे पर मैं इसे गिरवी रख कर अपने काम को निपटा लूंगा बच्चों का विवाह भी हो जाएगा। लेकिन शिव महापुराण की कथा कहती है शिव जी को आपसे न बेल पत्र चाहिए न चावल का दाना चाहिए। शंकर भगवान को आपसे कुछ भी नहीं चाहिए, शिवजी तो कहते हैं मैं भी भगवान के नाम में डूबा रहता हूं। तुम भी परमात्मा के नाम में डूबे रहो मैं तुम्हारा सब कार्य करके चले जाऊंगा। तुम आश्रित हो जाओ और भगवान के भरोसे जीना प्रारंभ कर दो। उक्त विचार बुधवार को सुखलिया स्थित सुखेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण में प्रारंभ हुई शिव महापुराण कथा के प्रथम दिन आचार्य पं. हर्षित शास्त्री ने भक्तों को कथा का रसपान कराते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कथा शुभारंभ से पूर्व भक्तों को शिव महापुराण कथा का महत्व भी समझाया।

श्री शिव महापुराण कथा महोत्सव समिति आयोजक सुरजीतसिंह-जसप्रीत वालिया एवं ठाकुर बृजकिशोरसिंह-हेमलता राजावत ने बताया कि सात दिवसीय शिव महापुराण कथा शुभारंभ के पूर्व भारत माता मंदिर परिसर से भव्य शोभायात्रा भी निकाली गई। शोभायात्रा में बड़ी संख्या में मातृशक्तियां अपने सिर पर कलश धारण कर शामिल हुई। शोभायात्रा सुखेश्वर महादेव मंदिर से प्रारंभ होकर विभिन्न मार्गों से होते हुए पुन: मंदिर परिसर पहुंची जहां इस शोभायात्रा व कलश यात्रा का समापन हुआ। समापन के पश्चात महाप्रसादी का वितरण भी हुआ। वहीं कथा में व्यासपीठ का पूजन उत्तमसिंह वालिया, रंजीता भमौरिया, प्रदीप द्विवेदी, पवन राजौरिया, पंडि़त कन्हैयालाल शर्मा, अन्नू जादौन, मीत तनेजा, ओम पानेरी ने किया।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!