इंदौर

परिचय सम्मेलन जैसे आयोजन सामाजिक क्रांति की दिशा में महत्वपूर्ण

– अग्रवाल यूथ फेडरेशन द्वारा गांधी हाल में आयोजित सम्मेलन में सुबह 11 बजे से रात 9 बजे तक चलता रहा परिचय का दौर

इंदौर, । परिचय सम्मेलन तभी सार्थक माने जाते हैं, जब वे परिणय सम्मेलन में बदल जाएं।बच्चों की उच्च शिक्षा के प्रति दिलचस्पी के चलते आजकल विवाह में विलंब होने लगे हैं, लेकिन एक हद तक उच्च शिक्षा भी जीवन की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि और जरूरत होती है। आज यहां हजारों की संख्या में पालक और प्रत्याशी आए हुए हैं और इस तरह के परिचय सम्मेलन ही श्रेष्ठ जीवन साथी के चयन का सबसे बेहतर प्लेटफार्म साबित हो सकते हैं। समय, धन और परिश्रम की बचत के साथ युवक-युवतियों के बीच सात जन्मों का रिश्ता तय करने में ऐसे आयोजन ही सामाजिक क्रांति की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
ये प्रेरक विचार हैं अतिथियों के, जो उन्होंने अग्रवाल यूथ फेडरेशन की मेजबानी में गांधी में हाल में आयोजित अ.भा. युवक युवती परिचय सम्मेलन के समापन सत्र में व्यक्त किए। समाजसेवी विष्णु बिंदल, विनोद सिंघानिया, राजेन्द्र समर्पण, डीएसपी पुलिस पवन सिंघल, अविनाश ओएस्टर एवं संजय मंगल अतिथि के रूप में शामिल हुए।
27 वर्ष पूर्व इसी जगह तय हुआ था डीएसपी का रिश्ता– संयोगवश डीएसपी सिंघल का विवाह भी फेडरेशन द्वारा 27 वर्ष पूर्व गांधी हाल में आयोजित परिचय सम्मेलन में ही उर्मिला सिंघल के साथ हुआ था। उनकी विवाह की 27वीं सालगिराह भी आज गांधी हाल में मंच पर मनाई गई। देर शाम तक चले परिचय सम्मेलन में लगभग 450 प्रत्याशियों ने मंच से अपने परिचय दिए और भावी जीवन साथी के बारे में अपनी प्राथमिकताएं बताई। सम्मेलन स्थल पर पैर रखने की भी जगह नहीं बची थी। देश के 10 राज्यों और प्रदेश के 50 जिलों से आए प्रत्याशियों और पालकों ने अंतिम क्षणों तक सम्मेलन का लाभ उठाया। यही कारण था कि देर शाम तक लगातार रिश्ते तय होने की सूचनाएं आती रही। केवल आज ही सुबह से शाम तक में 25 रिश्ते तय हुए।
जयपुर से आए साफ्टवेयर इंजीनियर को साफ्टवेयर इंजीनियर युवती की तलाश थी, वहीं सेंधवा से आए युवक प्रत्याशी को गृहकार्य में दक्ष युवती की जरूरत सामने आई। इसी तरह महाराष्ट्र के औरंगाबाद से आई युवती को एमबीए अथवा सर्विस क्लास जीवन साथी की जरूरत थी। लगभग सभी प्रत्याशियों ने मंच से बड़ी बेबाकी के साथ कहा कि वे श्रेष्ठ जीवन साथी मिलने पर दहेज और अन्य सामाजिक कुरीतियों का बहिष्कार करेंगे। अनेक प्रत्याशियों के साथ उनके माता-पिता भी मंच पर आए और उन्होंने भी ‘दुल्हन की दहेज है ’ जैसी बात कही।
प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत राधाकिशन अग्रवाल, बालकिशन गोयल, ललित बिंदल, अर्पित अग्रवाल, बलराम गर्ग उज्जैन, रत्नेश अग्रवाल आदि ने किया। इस अवसर पर उमंग महिला मंडल की 70 महिला कार्यकर्ताओं ने रिश्ते तय कराने में दिनभऱ मेराथन प्रयास किए और उनका ही नतीजा था कि लगभग 52 रिश्तों में 11 रिश्ते इन महिलाओं के प्रयास से तय हुए, जबकि 50 से अधिक रिश्तों पर दोनों पक्षों के बीच मंत्रणाओं का दौर जारी है। सम्मेलन स्थल पर आज 8 से 10 हजार समाजबंधु उपस्थित थे और सुबह 11 बजे से रात 9 बजे तक मेला जुटा रहा। रविवार होने के कारण गांधी हाल परिसर में सभागृह के सामने वाले परिसर और उद्यान के साथ ही पार्किंग स्थल पर भी समाजबंधुओं, पालकों और प्रत्याशियों का मेला दोपहर 12 बजे से ही जुटने लगा था, जो रात 9 बजे तक चलता रहा। रिश्ते तय कराने में सहयोग देने के लिए महिलाओं का अतिथि अरविंद बागड़ी द्वारा सम्मान किया गया। ब्राह्मण समाज के राधेश्याम पांडे भी अपने साथियों सहित परिचय सम्मेलन स्थल का अवलोकन करने पधारे। संचालन प्रद्युम्न जैन ने किया और आभार माना गोविंद राधाकिशन अग्रवाल ने। समापन अवसर पर समाजबंधुओं ने वर्षाकाल में अपने आसपास उपयुक्त स्थान पर पांच-पांच फलदार या फूलदार पौधे रोने का संकल्प लिया।

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