हमारा सबसे बड़ा धन गोवर्धन- गोस्वामी दिव्येश कुमार
हमारा सबसे बड़ा धन गोवर्धन- गोस्वामी दिव्येश कुमार

इंदौर से विनोद गोयल की रिपोर्ट
इंदौर । धरि हरि के दास बनकर रहने की हमारी भावना होनी चाहिए। यही हरि की भक्ति है। जहाँ लक्ष्मी के बजाय लक्ष्मी पति की सेवा होती है वहाँ लक्ष्मी अहर्निश निवास करती है। मुक्ति तो नमक के जैसे खारी होती है। जीवन का अंत मुक्ति नहीं है बल्कि हम प्रभु के बन जाएँ और प्रभु हमारे बन जाएँ यही सच्ची मुक्ति है।
यह बात मल्हारगंज गोवर्धननाथ हवेली में जारी नंद कुमाराष्टकम के दूसरे दिन शनिवार को गोस्वामी दिव्येश कुमार महाराज ने सभी वैष्णवजनों को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने आगे अपने प्रवचनों में कहा कि लौकिक काम बहुत प्रबल होते है इन्हें आसानी से नष्ट नहीं किया जा सकता इसे तो अलौकिक काम के माध्यम से ही नष्ट किया जा सकता है। अगर आपकी रुचि लौकिक काम से अलग नहीं हो रही है तो समझ लेना ठाकुर जी कि कृपा आप पर नहीं हो रही है। शनिवार को प्रवचन के दौरान ठाकुर जी की महिमा को सुमधुर आवाज में माधवी शाह की प्रस्तुति ने सभी महिलाओं को जमकर थिरकाए रखा।
श्री पुरूषोत्तम मास महामहोत्सव समिति जानकीलाल नीमा, मनोहर महाजन, मनोज नागर एवं सुरेश ठाकुर ने बताया कि शनिवार को व्यासपीठ का पूजन मदन नीमा, दिलीप नीमा, विनीश नीमा, कुमार कुम्भज एवं अनिल भंडारी ने किया। वहीं कार्यक्रम का संचालन संजय नागर ने किया। समिति के जानकीलाल नीमा ने बताया कि मल्हारगंज स्थित गोवर्धननाथ मंदिर हवेली प्रांगण में गोस्वामी दिव्येश कुमार महाराज 3 अगस्त तक प्रतिदिन 3.30 से 7.30 बजे तक प्रवचनों की अमृत वर्षा करेंगे।