खेतिया में फीका रहा भोंगर्या हाट, होली पर्व को लेकर हुई खरीदारी, 25 की जगह दो ढोल ही पहुंचे भोंगर्या में, विधायक किराडे ने की खरीदारी

खेतिया से राजेश नाहर की रिपोर्ट।
संस्कृति और परंपराओं के प्रतीक भोंगर्या हाट का आयोजन शनिवार को खेतिया में हुआ। जिसमें भीड़ नदारद रही। इस वर्ष का भोंगर्या फीका रहा। बता दे भोंगर्या हाट में हर वर्ष 25 से अधिक ढ़ोल मांदल आते है, लेकिन इस बार मात्र 2 ढोल ही पहुंचे, जबकि एक दिन पूर्व ही पास के गांव राखी बुजुर्ग के भोंगर्या में 46 ढ़ोल पहुंच थेे। क्षेत्र के करणपुरा में होली पर एक मेला आयोजित होता है। जहां क्षेत्र के ही नहीं वरन महाराष्ट्र के भी नागरिक बड़ी संख्या में आते है। अब सभी को करणपुरा की होली मेले की प्रतीक्षा रहेगी। शनिवार को खेतिया के भोंगर्या में आदिवासी समाजजन संस्कृति के साथ-साथ ढोल मांदल व बांसुरी की धुन पर पारंपरिक वेशभूषा में खेतिया शहर में आए। खेतिया में वर्षों से परंपरा रही है कि सभी गांव के पटेल एक साथ होकर राजसी वेशभूषा में खेतिया शहर में एक साथ भ्रमण कर नागरिकों का अभिनंदन करते हैं। एक साथ पहुंचे सभी ग्राम पटेलों का पुलिस थाना परिसर खेतिया में सहायक निरीक्षक कमलसिंह चौहान व पुलिस कर्मियों ने तिलक लगाकर उनका अभिनंदन किया। सभी पटेल के साथ क्षेत्रीय विधायक चंद्रभागा किराड़े, भाजपा नेता श्यामराव बर्डे, नप अध्यक्ष दशरथ निकुम, प्रकाश खेड़कर भी ग्रामीणों के साथ होकर ढोल मांदल की थाप के साथ शहर के मुख्य मार्ग, चौराहे से होकर गुजरे। जहां शहर के नागरिकों जनप्रतिनिधियों और विभिन्न संस्थाओं ने उनका अभिनंदन किया। भोंगर्या हाट को लेकर विभिन्न आदिवासी समाज संगठन सक्रिय रहे। वहीं आज पारंपरिक त्यौहार पर बिकने वाली गुड़ की जलेबी, गुड़ की बनी गुड सेव, दाली की मांग बनी रही। वहीं होलिका पूजन हेतु शक्कर के बने हार कंगन भी खूब बिके। शहर में नगर पंचायत प्रशासन पुलिस प्रशासन द्वारा आवश्यक व्यवस्थाएं पूर्व से ही की गई थी।
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