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बच्चीं की मौत के जिम्मेदार निकले तीन डॉक्टर परिजन ने की थी शिकायत, स्वास्थ्य विभाग की जांच के बाद प्रकरण दर्ज

ट्रेनी ने लगाए थे इंजेक्शन व बोटल परिजनों लगाया आरोप पूर्व में भी परिजनों लगाया आरोप सीएम तक पहुँचा था मामला।

आशीष यादव धार

जहाँ एक और डॉक्टर भगवान का रूप होते हैं तो धार के राजगढ़ में उपचार करने वाले डॉक्टर व संचालन पर ही मुकदमा दर्ज किया गया है बता देकि धार जिले के सरदारपुर क्षेत्र में स्थित कंचन हाॅस्पिटल में कार्यरत तीन डाॅक्टरों के खिलाफ राजगढ पुलिस टीम ने प्रकरण दर्ज किया है। आरोपी डाॅक्टरों के पास बीएएमएस की डिग्री हैं, इसके बावजूद डॉक्टरों ने एलोपैथिक उपचार बच्चीं को दिया था। जिससे बच्चीं की मौत हुई थी, पीड़ित परिवार ने हॉस्पिटल प्रबंधन के खिलाफ शिकायत स्वास्थ्य विभाग को की थी। पिछले तीन माह से हॉस्पिटल प्रबंधन की लापरवाही को लेकर जांच चल रही थी, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की और से एक प्रतिवेदन पुलिस को सौंपा गया था। इसी आधार पर पुलिस ने कार्यवाही आरोपी डॉक्टर अभय तांतेड, डाॅक्टर दीपक तिवारी व सुमित जैन के खिलाफ अपराध दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है।

यह था मामला
राजगढ थाना अंतर्गत लाल दरवाजा चैक निवासी बच्चीं तन्वी पिता आषीश जायसवाल उम्र 13 साल की अचानक तबीयत बिगड़ने पर ग्राम राजगढ स्थित कंचन हाॅस्पिटल लेकर पहुंचे थे। निजी अस्पताल में डाॅक्टर अक्षय, दीपक व संचालक सुमित जैन ने उपचार किया था, हालांकि बच्चीं की 20 अक्टूंबर को मौत हो गई थी। इस घटना के बाद बच्ची के पिता, आशीष जयसवाल, न्याय की गुहार लगाते कार्यवाही को लेकर आवेदन सौंपा था। पिता के अनुसार बेटी को मामूली बुखार के चलते अस्पताल में इलाज करवाया था, लेकिन उनकी बेटी को जानबूझकर खतरे में डाल दिया गया।

मैनेजमेंट व डॉक्टरों की ये गलती
स्वास्थ्य विभाग की जांच के अनुसार आरोपी अभय तांतेड आयुर्वेदाचार्य (बीएएमएस) के डाक्टर होकर इनके द्वारा एलोपैथिक उपचार किया गया तथा कोई पैथोलाजिकल-बायोलॉजिकल जांचे नहीं की गई। वहीं आरोपी दीपक तिवारी कंचन अस्पताल राजगढ बीएएमएस है और उनकी इंटर्नशिप चल रही होकर प्रशिक्षु डॉक्टर होकर इलाज किया गया। साथ ही उनके द्वारा उपचार के दौरान बालिका तन्वी की इंटरेमस्कुलर, डायक्लोफेनेक, इन्ट्रावस्कुलकर पैन्टांम, ओन्डेम, टैक्सीम इंजेक्शन व आर एल बाटल दी गई। कंचन अस्पताल राजगढ के संचालक डॉक्टर सुमित जैन द्वारा डाँक्टर दीपक तिवारी प्रशिक्षु चिकित्सा से मृतिका कुमारी तन्वि का उपचार किया गया था।

पूर्व में भी हो गई घटना:
बता देकि की कंचन हॉस्पिटल सरदारपुर चिकित्सालय में पदस्थ सीनियर डॉक्टर एमएल जैन के परिवार का अस्पताल है। हॉस्पिटल के डॉक्टर सुमित जैन उनके पुत्र है। कुछ माह पहले राजस्थान के एक परिवार ने नवजात के उपचार के मामले को लेकर भी शिकायत दर्ज कराई थी। सीएम तक शिकायत गई थी। इसके बाद जांच कमेटी बनाई गई, लेकिन अचानक शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत वापस ले ली थी। उस दौरान भी उपचार के लिए विषय विशेषज्ञों के ना होने के बाद भी नवजात का उपचार करने का आरोप लगाया गया था। हालांकि इस मामले में शिकायत वापस होने का कारण लेकर विभाग ने आगे की जांच नहीं की थी। इधर कुछ दिनों पूर्व ही डॉक्टर एमएल जैन ने सरकारी नौकरी से ऐच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली है। बताया जा रहा है कि अस्पताल के लगातार विवादों में घिरने के बाद अब डॉक्टर जैन अस्पताल की कमान संभालेंगे।
इसे कही मामले है। जो लोगो ओर प्रशासन के

इनका कहना हैं, कि
स्वा स्‍थ्यन विभाग की और से प्रतिवेदन सौंपा गया था, संचालक सहित दो अन्य डॉक्टरों के खिलाफ अपराध दर्ज कर विवेचना शुरू की गई।
दीपक सिंह चौहान, थाना प्रभारी, राजगढ

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