संस्कार, संस्कृति और सभ्यता से रूबरू कराता ‘‘प्रयास’’ गरबा
कन्याओं का किया वंदन, पाद-पूजन कर लिया आशीर्वाद,
गोंधल में महाराष्ट्र तो धुनीची नृत्य में दिखी बंगाल की संस्कृति, माता के भक्तों ने मोबाईल की फ्लश लाइट ऑन कर कलाकारों और गरबा करती युवतियों का किया अभिवादन
उपहार में गिफ्ट के साथ ही ट्राफियों का किया वितरण
इंदौर । खातीवाला टैंक के खनूजा ग्राउंड पर शक्ति की भक्ति में युवतियों के साथ ही युवकों द्वारा भी गरबों की विशेष प्रस्तुतियां दी जा रही हैं। प्रतिदिन अलग-अलग थीम पर यहां माता की आराधना करने के साथ ही सनातन संस्कृति से सभी भक्तों को रूबरू कराने का प्रयास गरबों के माध्यम से किया जा रहा है। वहीं नारी शक्ति की रक्षा, सुरक्षा और आत्म सम्मान बनाए रखने की शपथ यहां आने वाले श्रद्धालुओं और भक्तों को दिलाई जा रही है। बुधवार को डांडिया में विशेष आकर्षण महाराष्ट्र का गोंधल व बंगाली संस्कृति का प्रसिद्ध धुनीची नृत्य रहा। युवतियों व कलाकारों ने लोकगीतों पर माता रानी की आराधना की, जिसे दर्शकों ने भी खूब सराहा। दर्शक दीर्घा में बैठे लोगों ने न सिर्फ अपने मोबाईल की फ्लश लाइट ऑन कर कलाकारों का अभिवादन किया बल्कि तालियों की गडगड़ाहट से भी कलाकारों व युवतियों का उत्साह बढ़ाया।
प्रयास गरबा आयोजक कान्हा राजगुरू ने बताया कि 9 दिवसीय गरबा महोत्सव में सनातनी संस्कृति से सभी को रूबरू होने का मौका भी यहां मिल रहा है। गरबों में भी संस्कार, संस्कृति और सभ्यता का समागम यहां डांडिया में देखा जा सकता है। मां की आराधना भी फि़ल्मी गीतों के बजाए भजनों से की जा रही है। जिसमें छोटी कन्याओं के साथ ही युवतियां डांडिया खेल रही हैं। बुधवार को यहां कन्याओं का सामूहिक वंदन का आयोजन किया गया। जिसमें छोटी-छोटी कन्याओं का पाद-पूजन मुख्य अतिथियों के साथ ही उपस्थित सभी गणमान्य नागरिकों द्वारा किया गया। पूजन करने के साथ ही सभी को उपहार स्वरूप गिफ्ट भी भेंट किए गए। कार्यक्रम में विशेष आकर्षण महाराष्ट्र का गोंधल रहा जिसमें युवतियों ने अपने दोनों हाथों में मशाल लिए जैसे ही गरबा सर्कल में एंट्री ली तो सभी की निगाहें टीकी रह गई वहीं बंगाली संस्कृति का प्रसिद्ध धुनीची नृत्य भी यहां विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। जिसमें युवतियों ने धुप की मदद से धुनुची नृत्य की प्रस्तुति से मां की आराधना की। कान्हा राजगुरू ने बताया कि खातीवाला टैंक के खनूजा ग्राउंड पर आयोजित प्रयास गरबे का यह 17 वां वर्ष हैं। 9 दिनों में हजारों की संख्या में माता रानी के भक्त यहां पहुंचते हैं। समापन के पश्चात महिलाओं व युवतियों के लिए ओपन गरबा भी आयोजित किया जाता है जिसमें सभी मातृशक्तियां भजनों पर डांडिया करती हैं। गरबा पांडाल के बाहर ही खाने-पीने के शौकिनों के लिए स्टाल की भी व्यवस्था की गई है।