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केयर सीएचएल अस्पताल में मध्यभारत की पहली अत्याधुनिक चौडे टनल वाली एमआरआई 670 ए.आई मशीन का शुभारंभ

केयर सीएचएल अस्पताल में मध्यभारत की पहली अत्याधुनिक चौडे टनल वाली एमआरआई 670 ए.आई मशीन का शुभारंभ

अब फिल्म देखते-देखते मधुर संगीत के साथ कम समय में हो जाएगी मरीज की एमआरआई जांच

इंदौर, क केयर सीएचएल अस्पताल ने मध्यभारत में चिकित्सा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पहली अत्याधुनिकचौडे टनल वाली एमआरआई 670 ए.आई मशीन स्थापित की है। इस मशीन के आने से मरीजों के लिए एमआरआई जांच प्रक्रिया और भी आसान और सुविधाजनक हो गई है। खास बात यह है कि जांच के दौरान मरीजों को फिल्म देखते-देखते जांच पूरी हो जाएगी, जिससे उन्हें समय का पता भी नहीं चलेगा और वे मानसिक रूप से भी अधिक सहज महसूस करेंगे।

कम समय में उच्च गुणवत्ता एवं सटीक जांच
केयर सीएचएल अस्पताल के रेडियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. रवि मसंद ने बताया कि यह मशीन आमतौर पर उपयोग की जाने वाली एमआरआई मशीनों से कहीं अधिक उन्नत और तेज़ है। जहां पारंपरिक एमआरआई मशीनों में जांच करने में लगभग 30 से 45 मिनट का समय लग जाता है, वहीं यह नई मशीन 10 से 15 मिनट में ही पूरी जांच कर लेती है। इससे मरीजों का समय भी बचता है और उन्हें लंबी जांच से नहीं गुजरना पड़ता है।

चौड़ा टनल और आरामदायक अनुभव
इस मशीन की एक विशेषता इसका वाइड-बोर यानी चौड़ा टनल है, जिसमें मरीज अधिक आराम से लेट सकते हैं। पारंपरिक एमआरआई मशीनों में टनल संकीर्ण होता है, जिससे कुछ मरीजों को घबराहट या क्लॉस्ट्रोफोबिया जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन इस नई मशीन में मरीज आसानी से लेट सकते हैं और आरामदायक स्थिति में अपनी जांच करवा सकते हैं।

क्वाइटस्कैन तकनीक से 70% शोर में कमी
इस मशीन में ‘क्वाइटस्कैन’ तकनीक का उपयोग किया गया है, जो जांच के दौरान उत्पन्न होने वाले अतिरिक्त शोर को 70% तक कम कर देती है। इससे मरीजों को शोर से होने वाली असुविधा / घबराहट नहीं होती और वे अधिक शांतिपूर्ण तरीके से मनोरंजन के साथ जांच करवा सकते हैं।

समर्पित कॉइल्स से बेहतर इमेजिंग
मशीन में समर्पित कॉइल्स का उपयोग किया गया है, जो इमेजिंग की गुणवत्ता को और बेहतर बनाते हैं। यह उन्नत तकनीक विभिन्न अंगों की अधिक स्पष्ट और सटीक छवियां प्राप्त करने में मदद करती है, जिससे डॉक्टरों को बेहतर इलाज में सहायता मिलती है।

एमआरआई 670 ए.आई मशीन पेट एवं किडनी और गुर्दे की जांच १५ मिनट और पूर्ण शरीर की सटीक जांच २० मिनट में कर सकती है ।

एआई से संचालित पोजिशनिंग तकनीक
इस नई मशीन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का भी उपयोग किया गया है, जो इसे और भी उन्नत बनाता है। जांच के दौरान यदि मरीज की पोजिशन सही नहीं होती, तो यह एआई सिस्टम खुद-ब-खुद मरीज की पोजिशन को ठीक कर देता है। यह तकनीक यह सुनिश्चित करती है कि जांच सटीक और उच्च गुणवत्ता की हो।

हार्ट और ब्रेस्ट की सटीक एमआरआई
इस उन्नत मशीन से उन अंगों की एमआरआई भी की जा सकती है, जिनकी जांच पारंपरिक मशीनों से संभव नहीं होती थी। विशेष रूप से, यह मशीन हार्ट और ब्रेस्ट की समस्याओं की जांच में अत्यधिक सटीकता प्रदान करती है। हार्ट एमआरआई, जो अन्य मशीनों पर आसानी से संभव नहीं होती, अब इस मशीन से आसानी से की जा सकती है। इसके अलावा, ब्रेस्ट संबंधित समस्याओं की एमआरआई भी अब सटीकता से की जा सकती है, जिससे महिलाओं में इस रोग से उभरने वाली समस्याओं का सही समय पर पता लगाया जा सकेगा।

मरीजों के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं
इस अत्याधुनिक मशीन से जांच कराने के लिए मरीजों को कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा। सामान्य एमआरआई जांच की जो लागत होती है, वही इस मशीन से भी होगी। अस्पताल ने इस मशीन का उपयोग कर कई मरीजों की जांच की है और उनके अनुभव काफी सकारात्मक रहे हैं।

इस अवसर पर केयर सीएचएल अस्पताल के डॉ. प्रवीण अग्रवाल, सीनियर कंसलटेंट- आर्थोपेडिक्स ने कहा – इंदौर के केयर सीएचएल अस्पताल ने मध्यभारत में चिकित्सा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पहली आधुनिक वाइड-बोर (चौड़ा टनल ) एमआरआई 670 एआई मशीन स्थापित की है। इस मशीन के आने से मरीजों के लिए एमआरआई जांच प्रक्रिया अब और भी आसान और सुविधाजनक हो गई है। खास बात यह है कि जांच के दौरान मरीजों को फिल्म देखते-देखते प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, जिससे उन्हें समय का पता भी नहीं चलेगा और वे मानसिक रूप से भी अधिक सहज महसूस करेंगे l हमारी विशेषज्ञ टीम एवं प्रसिद्ध डॉक्टर रवि मसंद के नेतृत्व में, आपको सर्वोत्तम देखभाल प्रदान करने के लिए समर्पित है।

इस अवसर पर केयर सीएचएल अस्पताल के डॉ. आशीष बगड़ी, कंसलटेंट – न्यूरोलॉजिस्ट ने कहा – यह उन्नत इमेजिंग तकनीक उच्च गुणवत्ता वाली इमेजिंग प्रदान करती है, साथ ही इमेजिंग समय को भी कम करती है। स्ट्रोक, पार्किंसन रोग, अल्जाइमर, सेरेब्रल वस्कुलिटिस, मस्तिष्क के ट्यूमर, स्पाइनल विकार आदि के इमेजिंग के लिए अत्यंत उपयोगी। यह न्यूरो इमेजिंग के क्षेत्र में वास्तव में एक गेम चेंजर है।

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