धन कमाना सभी का लक्ष्य है लेकिन नैतिकता से कैसे कमाए, कोई नहीं सिखाता – महात्मे
इंदौर । पद्मश्री डॉ विकास महात्मे ने कहा कि हमारे देश में शिक्षा के साथ जीवन के लिए आवश्यक कार्य भी सीखाना होंगे । हर व्यक्ति की लालसा धन कमाने की होती है । धन को नैतिक तरीके से कैसे कमाया जाएं, यह कभी कोई नहीं सीखाता है ।
अभ्यास मंडल द्वारा आयोजित 63वीं वार्षिक व्याख्यान माला में अदृश्य स्वस्थ समृद्ध जीवन पर संबोधित करते हुए कहीं । उन्होंने कहा कि हमारे जीवन में जो महत्वपूर्ण है वह हमें नजर नहीं आता है । उदाहरण के साथ अपनी बात को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे लिए मन और भावना सबसे अधिक महत्वपूर्ण है और उसका स्वास्थ्य अच्छा नहीं है । हमें गुस्सा आ रहा है । इससे स्पष्ट है कि हममें कहीं ना कहीं कोई बीमारी है । इस दुनिया में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है जो सोचता नहीं हो । हमें अपने विचार और नजरिए की जानकारी नहीं होती है । हमारे संविधान में बंधुत्व की बात कही गई है । यह बंधुत्व सीखाया नहीं जाता है । जबकि हम सीखा सकते हैं ।
उन्होंने कहा कि आपके और मेरे विचार अलग हो सकते हैं । हमारे बीच में विचारों में असहमति संभव है लेकिन असहमति के बावजूद एक दूसरे के विचार का आदर करना ही बंधुत्व का भाव है । हमें प्रगति करने के लिए रूटीन से अलग हटकर विचार विकसित करना होंगे । इस विचार के लिए जागरुकता जरूरी है । यदि हममें भावना नहीं होगी तो रोबोट में और हममें कोई अंतर नहीं बचेगा । हममें भावना विचारों से तैयार होती है ।
उन्होंने कहा कि समस्या यह है कि हमें जीवन में जिस जानकारी की जरूरत नहीं है वह हमारे पास होती है और जो जरूरी है वह हम नहीं जानते हैं । हम अपनी भावनाओं को अपने विचारों से बदल सकते हैं । भावना ही हमारे लिए कुछ करने का आधार बनती है । ऐसे में हमारे जीवन में इमोशनल मैनेजमेंट जरूरी है । उन्होंने कहा कि केवल पढ़ाई ही पर्याप्त नहीं है । हममें स्किल का होना भी जरूरी है । जब पढ़ाई करते हैं और अच्छे नंबर हासिल करने के लिए मेहनत करते हैं तो बुरा लगता है लेकिन इस शिक्षा के बाद में उसी के आधार पर आनंद को प्राप्त करने की कोशिश करते हैं । ऐसा कोई नहीं है जिसे जीवन में तनाव नहीं होता हो । तनाव को मैनेज करना कहीं नहीं सिखाया जाता है । ऐसा कोई नहीं है जो जीवन की दौड़ भाग में फेल नहीं हुआ हो । इस फेलियर से निपटना कहीं नहीं सिखाया जाता है । ऐसा कोई नहीं है जो कि पैसा कमाना नहीं चाहता है लेकिन पैसा नैतिकता के साथ कैसे कमा सकते हैं यह कभी नहीं सिखाया जाता है ।
उन्होंने कहा कि पहले जीवन कौशल सीखाया जाता था अब नहीं सिखाया जाता है । हम जीवन में सब कुछ आनंद प्राप्त करने के लिए करते हैं । ऐसे में हमें यह ध्यान रखना होगा कि दूसरों के लिए काम करने में भी आनंद आता है । हमें जीवन कैसे जीना है यह नहीं सिखाया जाता है । विकसित भारत का निर्माण विकसित भारतीय के साथ होगा और भारतीय नागरिक को विकसित करने के लिए उसे भावनात्मक रूप से बेहतर करना होगा ।
कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत पुरुषोत्तम वाघमारे , हम्स शेख, रवि गुप्ता ने किया । स्मृति चिन्ह ओरिएंटल यूनिवर्सिटी के कुलपति सुनील सोमानी ने भेंट किया । कार्यक्रम का संचालन वैशाली खरे ने किया । कार्यक्रम में सांसद श्री शंकर लालवानी भी उपस्थित थे।अंत में आभार प्रदर्शन इंदौर प्रेस क्लब के अध्यक्ष अरविंद तिवारी ने किया ।