धर्म और समाजसेवा का अनूठा संगम, दादू महाराज संस्थान की पहल
धर्म के साथ-साथ सामाजिक कार्य भी लगातार किए जाते रहें, ताकि समाज के निचले वर्ग को ऊपर उठने का अवसर मिल सके - दादू महाराज
इंदौर । राष्ट्र संत दादू महाराज संस्थान ने एक बार फिर मानव सेवा का अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है। संस्थान ने देर रात एक जरूरतमंद बुजुर्ग को स्थायी रोजगार के लिए नया ठेला गाड़ी, नया तराजू, बाट, तिरपाल, जंजीर, ताला के साथ 51 किलो मोसम्बी फल, 51 दर्जन केले, पपीता सहित अन्य फल प्रदान किए। इस पहल से बुजुर्ग को अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण करने का एक नया अवसर मिल गया है।
संस्थान के राम मूंदड़ा ने बताया कि संस्थान समय-समय पर धार्मिक आयोजनों के साथ-साथ विभिन्न सामाजिक कार्य भी करता रहता है। इसी क्रम में कई लोगों और समूहों को सहायता प्रदान की जाती है और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाते हैं।
धर्म के साथ समाजसेवा पर दिया जोर
संस्थान के प्रमुख राष्ट्र संत दादू महाराज ने उपस्थित भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि आज आवश्यकता इस बात की है कि धर्म के साथ-साथ सामाजिक कार्य भी लगातार किए जाते रहें, ताकि समाज के निचले वर्ग को ऊपर उठने का अवसर मिल सके।
महाराष्ट्र से आए विशिष्ट अतिथि
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बारामती, महाराष्ट्र से आए प्रसिद्ध समाजसेवी राजेंद्र दादा सोडसकर अपने परिवार सहित, पुणे से डॉक्टर विजय बजाज और डॉक्टर ज्योति बजाज, जलगांव महाराष्ट्र से श्रीमती अलका और श्रीराम कुलकर्णी उपस्थित थे। संस्थान के नितेश कुकरेजा, अमोल जैन, सनी जादम, प्रताप तोलानी और आशीष साहू ने अतिथियों का स्वागत किया ।
यह खबर क्यों है महत्वपूर्ण?
धर्म और समाजसेवा एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। संस्थान द्वारा किए गए इस कार्य से न केवल एक व्यक्ति का जीवन बदल गया है, बल्कि इसने समाज में सकारात्मक संदेश भी दिया है। यह खबर हमें याद दिलाती है कि हमें अपने समाज के कमजोर वर्गों की मदद करने के लिए आगे आना चाहिए।