पार्श्र्व कल्पतरु धाम, पर नाकोड़ा जी का भव्य श्रृंगार, दर्शनों के लिए लगा ताता
इंदौर। मनुष्य के जीवन में कर्तव्य महत्वपूर्ण है कर्म के मर्म को भेदना पर्यूषण पर्व का मुख्य कार्य है जो कर्तव्यों को सामाजिक कर किया जा सकता है, कर्तव्य जीवन को उन्नति प्रदान करने के साथ ही सार्थकता भी देते हैं।
यह विचार हाई लिंक सिटी स्थित श्रीधरणीधर पार्श्वनाथ जैन श्वेतांबर मंदिर ट्रस्ट एवं श्री संघ की ओर से आयोजित प्रर्युषण पर्व में श्रावक श्राविकाओ के मध्य व्यक्त किए गए। पर्यूषण पर्व के दूसरे दिन मनुष्य के जीवन में 12 कर्तव्यों पर परम पूज्य साध्वी संवेगना निधि श्रीजी महाराज सा ने विस्तार से बताया। श्रावक तू कर्तव्य निष्ट बन विषय पर बोलते हुए महाराज साहब ने संघ पूजा ,सधर्मीकभक्ति ,यात्रात्रिक,स्नात्रपूजा ,देव द्रव्य की वद्धि ,महापूजन ,रात्रि जागरण ,श्रुत भक्ति,उज्मना ,तीर्थ प्रभावना ,आलोचना आदी 11 कर्तव्यों के बारे में विस्तार से समझाया, इस अवसर पर बच्चों के लगाए गए शिविर का आयोजन किया गया एवं उन्हें जानकारियां और धर्म ज्ञान से अवगत कराया गया। अध्यक्ष पुंडरीक पालरेचा, पीयूष भाई संघवी ने बताया कि पर्यूषण पर्व के दूसरे दिन रविवार को पक्षालन, स्नात्र पूजन, अष्टप्रकारी पूजा, प्रवचन, भक्ति बाल शिविर का आयोजन किया गया रविवार को विशेष रूप से मंदिर परिसर में नाकोड़ा भैरव जी का अद्भुत श्रंगार किया गया इसे देखने के लिए श्रद्धालुओं का शाम तक ताता रहा।शांतु पालरेचा, अनिल महाराज के विशेष मार्गदर्शन प्रदीप जैन, विशाल बम, दीपक सुराणा, दिलीप खिमेसरा, कपिल कोठारी, अर्पित मारू, आदि प्रमुख रूप से शामिल हुए।
विषय वार हो रहे प्रवचन, कल कल्पसूत्र, फिर भगवान महावीर का जन्म कल्याणक
2 सितंबर को पौषध का कमाल, कल्पसूत्र वहारने आदि कार्यक्रम, 3 सितंबर मंगलवार को कल्पसूत्र प्रवचन, 4 सितंबर को भगवान महावीर प्रभु का जन्म वाचन एवं साधर्मिक वात्सल्य, 5 सितंबर को भगवान महावीर प्रभु की पाठशाला गमन, 6 सितंबर को कल्पसूत्र प्रवचन , बोहराना, कल्पसूत्र आधारित प्रश्न पत्र स्वरूप आयोजन, 7 सितंबर को बारसा सूत्र दर्शन, संवतसरी प्रतिक्रमण और क्षमापना आदि आयोजन किए जाएंगे, 4 व 8 सितंबर को विशेष रूप से क्रमशः साधर्मिक भक्ति और संवत्सरी में हजारों श्वेतांबर जैन समाज जन मौजूद रहेंगे।