इंदौरधर्म-ज्योतिष
लक्ष्मण रेखा के उल्लंघन से ही होते हैं दुनिया के सारे विवाद – संत रामदास

इंदौर, । जब तक हम मर्यादा की लक्ष्मण रेखा में रहेंगे, हमारा आत्म सम्मान भी सुरक्षित रहेगा। दुनिया के जितने भी विवाद हैं, उनका जन्म लक्ष्मण रेखा के उल्लंघन से ही होता है। शूर्पणखा की नाक काटने का दंड उसकी वासना की कामना के कारण मिला है। मानस का हर प्रसंग अनुकरणीय और अद्वितीय है। शबरी के जूठे बेर खाकर भगवान ने प्रेम और सौजन्यता का पराकाष्ठा व्यक्त की है। शबरी प्रसंग से यह संदेश भी मिलता है कि निष्काम और निश्छल प्रेम हो भगवान भी हमारी कुटिया में आकर जूठे फल स्वीकार कर लेंगे।
झांसी के तपोनिष्ठ संत बाबा रामदास ब्रह्मचारी के जो उन्होंने बर्फानी धाम के पीछे स्थित गणेश नगर में माता केशरबाई रघुवंशी धर्मशाला परिसर के शिव-हनुमान मंदिर की साक्षी में रामकथा के दौरान व्यक्त किए। कथा शुभारंभ के पूर्व आयोजन समिति की ओर से तुलसीराम-सविता रघुवंशी, रेवतसिंह रघुवंशी आदि ने व्यासपीठ का पूजन किया।
संत बाबा रामदास ब्रह्मचारी ने कहा कि भारतीय समाज मर्यादा की लक्ष्मण रेखा से ही सुशोभित है। विवादों का जन्म तभी होता है जब लक्ष्मण रेखा लांघी जाती है। भारतीय समाज मर्यादाओं और आत्म सम्मान में जीता है। हमारे परिवार मर्यादाओं की लक्ष्मण रेखा में ही पल्लवित हो रहे हैं। रामायण में इस तरह के अनेक प्रसंग हैं जहां जीवन जीने की कला सीखने को मिलती है।