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मानसिक स्वास्थ्य के विभिन्न विषयों पर डॉ. अमरेश श्रीवास्तव की बुक सीरीज का विमोचन कार्यक्रम हुआ

मानसिक स्वास्थ्य के विभिन्न विषयों पर डॉ. अमरेश श्रीवास्तव की बुक सीरीज का विमोचन कार्यक्रम हुआ

• मानसिक स्वास्थ एवं तनाव से निपटने के लिए अहम् दस्तावेज हैं ये 10 पुस्तकें
• विमोचन का फेसबुक पर हुआ लाइव प्रसारण
• छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों के लिए है सम्पूर्ण मार्गदर्शन

इंदौर, । विद्यार्थियों के लिए मानसिक स्वास्थ एवं तनाव पिछले दिनों में बड़ी चुनौती बनकर उभरी है। इस समस्याओं से निपटने के लिए एमजीएम मेडिकल कॉलेज ग्रुप के बैच 1973 एवं मानसिक शक्ति प्रोग्राम एंड आर्गेनाइजेशन द्वारा प्रसिद्ध मनोचिकित्सक डॉ. अमरेश श्रीवास्तव की बुक सीरीज का विमोचन आज सम्पन्न हुआ। इस सीरीज में कुल 10 किताबें हैं जिनका उद्देश्य छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों को हर परिस्थिति के लिए मानसिक रूप से सशक्त करना है।

विमोचन कार्यक्रम की विशेष अतिथि एवं लेखिका डॉ (श्रीमती) उषा गौर ने डॉ. अमरेश श्रीवास्तव के परिचय के साथ उनकी लिखी दस किताबों का संक्षिप्त परिचय दिया। उन्होंने कहा कि इन विषयों पर अभिभावकों, शिक्षकों और टीन एज के बच्चों से बातचीत करना आवश्यक है।

विमोचन कार्यक्रम की विशेष अतिथि एवं लेखिका श्रीमति ज्योति जैन ने कहा – “शारीरिक स्वास्थ्य के साथ दिमागी स्वास्थ्य भी उतना ही जरूरी है लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत संभवतः संवाद की है, जब तक संवाद कायम रहता है तब तक कई समस्याएं तो खुद ब खुद सुलझ जाती हैं लेकिन इसके रुकते ही सीधा असर दिमाग पर पड़ता महसूस होता है। जरूरी नहीं, कि संवाद शब्दों से ही हो एक छोटी सी मुस्कान भी एक बड़ी भूमिका निभाती है लेकिन यदि बच्चे टीवी या मोबाइल की ही दुनिया में खोए हुए हैं तो उनका दिमाग समझ पाना मुश्किल होता है. समाज में सभी की यह जिम्मेदारी मानी जानी चाहिए कि वे स्वस्थ दिमाग को भी उतना ही जरूरी समझें।

छात्रों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए एक अभियान चला रहे मानसिक शक्ति के चेयरपर्सन एवं वेस्टर्न यूनिवर्सिटी, कनाडा में मनोचिकित्सा विज्ञान के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. अमरेश श्रीवास्तव ने कहा, – “बीते कुछ सालों में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर कई तरह की समस्याएँ सामने आई है, डिप्रेशन , डिसऑर्डर, नशे, नकारात्मक विचारों से जूझ रही युवा पीढ़ी दिन-ब दिन कमजोर होती जा रही है। हम सब के विचारों में मानव कल्याण का भाव, मानसिक स्वास्थ्य, नकारात्मक विचारों की रोकथाम, शुद्ध आहार एवं योग विज्ञान के साथ-साथ मनोवैज्ञानिक खतरों को पहचानने की समझ बहुत जरुरी है। माता-पिता का अलगाव, वात्सल्य का अभाव, निरंतर होने वाली नकारात्मक सामाजिक गतिविधियां मानसिक स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव ला रही हैं। लॉन्च की जा रही यह किताबों की श्रृंखला सभी के लिए एक मार्गदर्शन के रूप में कार्य करेगी। इस श्रृंखला में कुल 10 किताब है जो छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों और काउंसलर सभी के लिए उपयोगी है। इन किताबों से होने वाले लाभ का उपयोग छात्रों के मानसिक सुधार कार्यक्रम में किया जाएगा। “

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