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गर्भवती महिला की मौत…परिजनों ने लगाया पूर्णिमा अस्पताल पर लापरवाही का आरोप

कपिल वर्मा बड़वाह। ग्राम सिरलाय निवासी गर्भवती महिला की मौत के मामले में परिजनों ने शहर के पूर्णिमा अस्पताल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। परिजनों का कहना है कि अस्पताल द्वारा लापरवाही के चलते ही महिला की मौत हुई हैं। मंगलवार को इंदौर में उपचार के दौरान महिला की मौत होने के बाद परिजन ग्रामीणों के साथ बड़वाह पुलिस थाने पर ज्ञापन देने पहुंच गए। फिलहाल महिला की मौत इंदौर में होने के चलते पुलिस को आवेदन नहीं दिया गया। मामले में मृतिका की ननद बाला बाई ने बताया कि उनकी भाभी सांवा पति सरदार चौहान छ: महिने की गर्भवती थी। 14 जूलाई को उसके पेट में तकलीफ होने लगी। उसके लिए परिवार के लोग उसे पूर्णिमा अस्पताल लेकर गए। यहां दिन तीन तक इलाज करने के बाद बताया गया कि महिला के बच्चादानी का मुंह खुलने के चलते इसका आॅपरेशन करना पड़ेगा। टांका नहीं लगाने के चलते बच्चे के गिरने का खतरा भी बढ़ जाएगा। हमारी आर्थिक स्थिति खराब होने के बावजुद आपरेशन के लिए पैसे जुटाए। डाॅक्टर के वादे के मुताबिक उन्हें पैसे भी जमा करा दिए। टांके लगाने के बाद एक दिन तो ठीक रहा लेकिन उसके अगले दिन महिला का अचानक से पेट फूल गया। पैट फुलने के बाद मैडम को बताया तो उनका कहना था कि इन्हें गैस की प्राब्लम है। इसके बाद उन्हें दवाई दी, लेकिन कोई फायदा ना होकर जब हालत बिगड़ने लगी तो मरीज को खरगोन रैफर कर दिया। खरगोन रैफर करने के बाद वहां के डाॅक्टरों ने यह कहते हुए इंदौर रैफर कर दिया कि बच्चे की सांस नहीं चल रही हैं। जितना जल्दी हो सके इन्हें इंदौर ले जाओ। बीते सात दिनों तक वहां भी उपचार कराने के बाद मंगलवार को मृत बच्चा निकालने के दौरान महिला की भी मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि यह पूर्णिमा अस्पताल की लापरवाही के चलते हुआ हैं। मृतिका की पहले से ही तीन बालिकाएं भी हैं।

मुंह मांगी फीस देने के बाद ली थी ग्यारंटी…

परिजनों ने महिला की मौत के मामले में पूर्णिमा अस्पताल की डाॅक्टर आशा चौहान पर आरोप लगाया हैं। उनका कहना है कि चौहान मैडम ने पुरी तरीके से ठीक करने की ग्यारंटी ली थी। इसके लिए हमारे द्वारा तक तकरीबन 25000 रुपए जमा करने के बावजुद भी लापरवाही की गई, इसके चलते ही महिला को मौत का सामना करना पड़ा। महिलाओं के साथ थाने पहुंचे सिरलाय सरपंच राजकुमार वर्मा ने बताया कि हमारे ग्राम की महिला का इलाज पूर्णिमा अस्पताल में चल रहा था। परिजनों का कहना है कि अस्पताल द्वारा लापरवाही बरतने से महिला की मौत हुई हैं।

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पेट दर्द उल्टी की प्राब्लम लेकर महिला हमारे पास आई थी। उन्हें तीन दिन तक इलाज किया गया। इसके बाद महिला की छुट्टी कर दी गई लेकिन फिर भी परिजन उसे घर नहीं ले गए। महिला के परिजनों का ही कहना था कि उसे ज्यादा दर्द हो रहा है उसकी बच्चा दानी में टांके लगा दो, महिला की बच्चा दानी कमजोर भी थी इसके चलते फिर उसे टांके लगा दिए गए। 18 जुलाई को महिला खुद अपने पैरों पर चलकर गई थी। उसके बाद फिर क्या हुआ इसकी हमें कोई जानकारी नहीं हैं।

डाॅ. आशा चौहान, पुर्णिमा अस्पताल

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