सेंधवा; महिला सशक्तिकरण एवं करियर के अवसर पर परिचर्चा

सेंधवा। आज संपूर्ण भारत में महिलाएं सशक्त होकर हर क्षेत्र में रोजगार के लिए आगे आ रही है तो निमाड़ विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं क्यों पीछे रहे। वर्तमान परिस्थितियों में महिलाएं विभिन्न शैक्षणिक डिग्रियां तो ले रही है, पर उस संख्या में रोजगार के क्षेत्र में आगे नहीं आ रही है जब तक यह विडंबना दूर नहीं होगी तब तक पूर्णरूपेण महिला सशक्तिकरण नहीं हो सकेगा। माता सावित्रीबाई फुले को आइकॉन बनाकर महिलाओं को रोजगार के क्षेत्र में आगे आना चाहिए। यह बात मुख्य वक्ता के रूप में प्रो प्रियंका यादव ने
शासकीय महाविद्यालय सेंधवा में स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित महिला सशक्तिकरण एवं करियर के अवसर विषय पर आयोजित परिचर्चा में कही गई। परिचर्चा में अन्य प्राध्यापक ने भी संबोधित किया प्रो.वीरेंद्र मुवेल ने कहा कि विद्यार्थियों को महिला सशक्तिकरण हेतु समाज कार्य के क्षेत्र में आगे आना चाहिए, सामुदायिक संगठन, एनजीओ स्थापित कर समाज सेवा के साथ-साथ करियर भी बनाया जा सकता है।

करियर प्रकोष्ठ प्रभारी प्रो. दीपक मरमट ने छात्राओ को कैरियर निर्माण हेतु विभिन्न क्षेत्रों की जानकारी दी उन्होंने कहा बैंकिंग शैक्षणिक क्षेत्र महिलाओं के कैरियर निर्माण के संबंध में अत्यंत सुविधाजनक है वहीं वे छात्राएं जो जीवन में जुझारू काम करना चाहती है वे प्रशासनिक क्षेत्र में कैरियर बन सकती है इसके लिए एमपीपीएससी एवं यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त करना होगी। शारीरिक रूप से सशक्त छात्राएं पुलिस एवं रक्षा के क्षेत्र में भी करियर बना सकती है। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ जी एस वास्कले ने बताया कि स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ द्वारा कैरियर संबंधी जागरूकता हेतु महाविद्यालय मे इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। उक्त कार्यक्रम में सुशीला नावड़े, मंजुला रावत, वंदना सोलंकी सहित बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित थीं
