जबलपुर

ट्रांसमिशन टावर के पार्ट्स चोरी होने से बाधित हुई पन्ना जिले की विद्युत आपूर्ति

टावर के पार्ट्स चोरी हो जाने से ही विंध्य क्षेत्र में प्रभावित

जबलपुर। एम.पी. ट्रांसको (मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी) की 132 के.व्ही. सतना – देवेंद्र नगर – पन्ना ट्रांसमिशन लाइन में ग्राम भाद स्थित ई.आर.एस. टावर के पार्ट्स चोरी होने से यह टावर क्षतिग्रस्त हो गया। पन्ना जिले में विद्युत आपूर्ति करने वाले इस टावर के क्षतिग्रस्त होने से क्षेत्र के रहवासियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा, इस प्रचंड गर्मी में पन्ना जिले के अनेक क्षेत्रों में 02 से लेकर 12 घंटे तक विद्युत सप्लाई बाधित रही। वह तो एम.पी. ट्रांसको की ट्रांसमिशन लाइन मेंटेनेंस टीम की निपुणता और समर्पण था जिसके कारण लाइन 12 घंटे के अंदर प्रारंभ हो पाई अन्यथा इसे पुनः ऊर्जीकृत करने में 03 से 04 दिन लग सकते थे।

एम.पी. ट्रांसको सतना के कार्यपालन अभियंता श्री आर.एस. पांडे ने बताया कि पन्ना क्षेत्र को विद्युत आपूर्ति करने वाले 132 के.व्ही. सतना – देवेंद्र नगर – पन्ना ट्रांसमिशन लाइन के लोकेशन क्रमांक 85-86 के इमरजेंसी रिस्टोरेशन सिस्टम टावर से कुछ पार्ट्स अज्ञात लोगों ने चुरा लिया जिसके कारण सतना जिले के नागौद तहसील के अंतर्गत ग्राम भाद के नजदीक स्थित यह टावर क्षतिग्रस्त हुआ। इस टावर के क्षतिग्रस्त होने से प्रातः 8ः45 बजे 132 के.व्ही. सबस्टेशन पन्ना की सप्लाई बाधित हुई। इस सबस्टेशन से पन्ना जिले के पवई, मझगवां, अजयगढ़, बृजपुर एवं देवेन्द्र नगर क्षेत्रों में विद्युत सप्लाई की जाती है।

50 डिग्री से अधिक तपते आयरन पार्ट्स को
हेंडिल किया टी.एल.एम. टीम के जाबांज कर्मियों ने एम.पी. ट्रांसको की ट्रांसमिशन लाइन मेंटेनेंस (ज्स्ड) की टीम के जाबांज कर्मियो ने तपती दोपहरी, (जिसमें टावर के आयरन एंगल, पार्ट्स का तापमान लगभग 50 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाता है और इन परिस्थितियों में सुधार कार्य करना बेहद दूरूह और चुनौतीपूर्ण होता है) में सतत् कार्य करते हुये रात में क्षतिग्रस्त टावर में सुधार कार्य पूरा कर इस महत्वपूर्ण लाइन को चालू करने में सफलता प्राप्त की।

टावर के पार्ट्स चोरी हो जाने से ही विंध्य
क्षेत्र में प्रभावित हुई थी विद्युत आपूर्ति उल्लेखनीय की कुछ दिनों पूर्व ही रीवा – अमरपाटन क्षेत्र में इसी तरह ट्रांसमिशन लाइन के टावरों से एंगल पार्ट्स आदि चोरी कर लिये गये थे जिसके कारण विद्युत व्यवधान होने से समूचा विंध्य क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ था।

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