कृषि आदान विक्रेताओं के लिए कृषि विस्तार सेवा हेतु एक वर्षीय डिप्लोमा (देसी) कार्यक्रम के द्वितीय बैच का शुभारंभ

बड़वानी। कृषि विज्ञान केन्द्र के सभाकक्ष मे जिले के कृषि आदान विक्रेताओं हेतु एक वर्षीय डिप्लोमा कार्यक्रम का शुभांरभ किया गया। इस बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में श्री वासूदेव मुकाती सांसद प्रतिनिधी जिला बड़वानी विषिष्ट अतिथि के रूप में श्री नंदु नागौर एवं विषेष अतिथि के रूप में उप संचालक कृषि श्री आर.एल. जमरे व सहायक संचालक (मत्स्य) श्री नारायण प्रसाद रायकंवार उपस्थित रहें । इस अवसर पर डॉ. एस.के. बड़ोदिया, द्वारा एक वर्षीय डिप्लोमा कार्यक्रम की रूपरेखा, समय-सारणी तथा कार्यक्रम में सम्मिलित किये गये विषयों पर जानकारी से प्रषिक्षणार्थीयों को अवगत कराया । डॉ. बड़ोदिया ने कहा कि कृषक अपनी कृषि से संबधित समस्याओं के हल हेतु कृषि वैज्ञानिक/कृषि अधिकारी व अपने निकटस्थ आदान विक्रेताओं के पास जाता है तथा उनसे कीट रोग, फसल किस्म आदि की जानकारी प्राप्त करता है इसलिये भारत सरकार द्वारा कृषि विकास को जमीन स्तर तक पहॅूंचाने हेतु आदान विक्रेताओं एवं कृषि व्यपार आंरभ करने वाले विक्रेताओं को प्रषिक्षित करने का निर्णय लिया जिसके अर्न्तगत एक वर्षीय कृषि आदान विक्रेताओ डिप्लोमा (देसी) आंरभ किये गये । इस डिप्लोमा कार्यक्रम में प्रति गुरूवार को प्रषिक्षण आयोजित जावेगा जो 48 सप्ताह तक निरंतर रहेगें । जिसमें प्रषिक्षणार्थीयों को विभिन्न विषयों कीट रोग प्रबंधन, नवीन किस्म, बीजोत्पादन, उद्यानिकी फसल प्रबंधन, बैमसमीय सब्जी उत्पादन, नर्सरी प्रबंधन, मत्स्य पालन, बकरी पालन, पशु रोग प्रबंधन तकनीक तथा सोषल मीडीया का कृषि में उपयोग इत्यादि के विषेषज्ञों द्वारा विषय की विस्तृत रूप से जानकारी प्रदान की जावेगी तथा अंत में परीक्षा आयोजित कर मुल्यांकन किया जावेगा।
इस दौरान कार्यकम की मुख्य अतिथि श्री वासूदेव मुकाती सांसद प्रतिनिधि ़ द्वारा आदान विक्रेताओं को शुभकामना देकर आग्रह किया की आप सभी कृषकों से सीधे जुड़े है इसलिये प्रत्येक विषय की अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त कर कृषकों तक पहूचॉये जिससे किसान लाभान्वीत हो सकें व अपनी आय में वृद्वि कर सकें । विषिष्ठ अतिथि श्री नंदु नागौर जी जनपद सदस्य द्वारा सभी प्रतिभागियों को शुभकामना देकर कृषकों के हित में अच्छा कार्य करने की सलाह दी । उपसंचालक महोदय श्री आर.एल. जमरे जी द्वारा सभी प्रतिभागियों को कृषि के कीट-रोग रोकथाम की जानकारी व शासकीय नियमों के विषय में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करने की बात कहीं । सहायक संचालक (मत्स्य) श्री रायकंवार जी ने कहा कि कृषकों अतिरिक्त आय के रूप में मत्स्य पालन को अपनाने हेतु प्रेरीत करने की बात कही । इस कार्यक्रम का संचालन केन्द्र के तकनीकी अधिकारी श्री उदय सिहं अवास्या द्वारा किया गया व तकनीकी सहयोग श्री रविन्द्र सिकरवार , मौसम वैज्ञानिक तथा अंत में आभार व्यक्त डॉ बी. कुमरावत वैज्ञानिक – मृदा विज्ञान द्वारा किया गया ।