इंदौर के संस्थापक श्रीमंत सुभेदार मल्हारराव होल्कर की 331वीं जयंती पर शुक्रवार 15 मार्च को
अपने जीवन काल में कटक से अटक तक के 52 युद्ध एक साथ ही जीते

इन्दौर । श्री क्षत्रिय धनगर नवयुवक मंडल इंदूर एवं श्री क्षत्रिय धनगर सेवा संघ इंदूर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित संस्थापक श्रीमंत सुभेदार मल्हारराव होल्कर की 331वीं जयंती पर शुक्रवार 15 मार्च को महूनाका स्थित लालबाग परिसर में सुबह 9 बजे सर्व मराठी भाषियों द्वारा श्रीमंत सुभेदार मल्हारराव होल्कर की प्रतिमा का दुग्धाभिषेक कर माल्यार्पण किया जाएगा। इस अवसर पर सैकड़ों युवा सहित समाज बंधु उपस्थित रहेंगे। वहीं शनिवार 16 मार्च शाम 5 बजे राजबाड़ा देवी अहिल्या बाई की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ भव्य शौर्ययात्रा निकाली जाएगी। श्रीमंत सुभेदार मल्हारराव होलकर की जन्म जयंती पर निकलने वाली इस शौर्ययात्रा की तैयारियां पूर्ण हो चुकी है।
श्री क्षत्रिय धनगर नवयुवक मंडल इंदूर एवं शौर्ययात्रा संयोजक दीपक (सोनू) वालेकर, क्षत्रिय धनगर नवयुवक मंडल अध्यक्ष राकेश टकले व क्षत्रीय धनगर सेवा संघ अध्यक्ष हरीश बारगल एवं सचिव संजय कड़ ने बताया कि शौर्ययात्रा के दौरान जहां युवा श्रीमंत सुभेदार मल्हारराव होलकर के इतिहास से आम जनता को रूबरू कराएंगे। शौर्ययात्रा का पूरा स्वरूप राजशाही अंदाज में शानौ-शौकत से निकाला जाएगा। शौर्ययात्रा में जहां पुरूष श्वेत वस्त्र व महाराष्ट्रीयन टोपी पहन शामिल होंगे तो वहीं महिलाएं भी केसरिया रंग के परिधान में नजर आएंगी। यात्रा के मार्ग में होलकरों का इतिहास बताती झांकी भी विशेष आकर्षण का केंद्र रहेगी। राजबाड़ा देवी अहिल्याबाई प्रतिमा स्थल से निकलने वाली यात्रा में बैंड़-बाजे, घोड़े बग्घी, रथ, झांझ-मजीरा पार्टी के साथ ही अखाड़ों के कलाकार व युवतियां भी करतब दिखाते हुए यात्रा में शामिल होंगे। समाज के युवा राजशाही परिधान पहन घोड़े पर सवार होकर राजवंश के इतिहास से सभी को रूबरू कराएंगे। बग्घी पर संवार देवी अहिल्या बाई मार्ग में सभी को आकर्षित करेंगी। राजबाड़ा देवी अहिल्या बाई प्रतिमा स्थल से निकलने वाली शौर्ययात्रा प्रिंस यशवंत निवास रोड़, पंढरीनाथ, हरसिद्धी, मोती तबेला, कलेक्टर चौराहा होते हुए लालबाग परिसर पहुंचेगी जहां मल्हारराव होल्कर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर इस यात्रा का समापन होगा। यात्रा के मार्ग में विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा मंच लगाकर यात्रा की अगवानी की जाएगी साथ ही यात्रा में शहर की जनता को सामाजिक सरोकार के संदेश भी दिए जाएंगे।
होलकर राजवंश के 14 गौरवशाली नरेश दिखेंगे एक साथ- शौर्ययात्रा में होलकर राजवंश के 14 गौरवशाली नरेश एक साथ घोड़े पर सवार होंगे। जिनमें श्रीमंत सूभेदार मल्हारराव होलकर, श्रीमंत मालेराव, अहिल्याबाई, तुकोजीराव, काशीराव, यशवंतराव, मल्हारराव होलकर द्वितीय, मार्तण्डराव, हरिराव होलकर, खंडेराव, तुकोजीराव द्वितीय, शिवाजी रव, तुकोजीराव होलकर तृतीय, यशवंतराव होलकर द्वितीय होंगे।
कटक से अटक तक के 52 युद्धों के विजेता- श्री क्षत्रिय धनगर नवयुवक मंडल इंदूर दीपक वालेकर ने बताया कि इन्दौर के संस्थापक श्रीमंत सुभेदार मल्हारराव होलकर का इतिहास बहुत ही गौरवशाली रहा है। मल्हारराव होलकर एक महापराक्रमी, योद्ध, दूरदृष्टा, कुशल रणनीतिकार, युद्धनीति के उत्तम शिल्पकार भी थे। श्रीमंत सुभेदार मल्हारराव होलकर ने मुगलों को युद्ध में हराकर होलकर राजवंश का गौरवशाली इतिहास भी लिखा। उन्होंने अपने जीवन काल में कटक से अटक तक के 52 युद्ध एक साथ ही जीते।