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इंदौर में ज्योतिष एवं वास्तु पर आधारित राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी 7 जनवरी को

देशभर से 400 ज्योतिषी तथा वास्तुविद भाग लेंगे रिसर्च पेपर प्रस्तुत करेंगे कई शोधार्थी

इंदौर में ज्योतिष एवं वास्तु पर आधारित राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी 7 जनवरी को

ज्योतिष के विभिन्न विधाओं पर होगा मंथन, विद्वान आचार्य ज्वलन्त मुद्दों के साथ संशय को करेंगे दूर
देशभर से 400 ज्योतिषी तथा वास्तुविद भाग लेंगे
रिसर्च पेपर प्रस्तुत करेंगे कई शोधार्थी

इन्दौर। शासकीय संस्कृत महाविद्यालय इंदौर में ज्योतिष एवं वास्तु विषय पर आधारित एक दिवसीय राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी 7 जनवरी 2024, रविवार को होगी। इसमें देशभर के विभिन्न विश्वविद्यालयों के प्राध्यापक, शोधार्थी तथा ज्योतिष- वास्तु के विद्वान समसामयिक विषयों पर अपने शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे। कार्यक्रम संस्था तत्व वेलफेयर सोसायटी एवं शासकीय संस्कृत महाविद्यालय इंदौर के संयुक्त तत्वावधान में किया जाएगा।
संगोष्ठी के संयोजक पं. योगेंद्र महंत, समन्वयक डॉ अभिषेक पांडेय तथा आचार्य गोपालदास बैरागी ने बताया कि ने बताया कि इंदौर के तपस्वी सन्तों के सान्निध्य में आयोजन चलेगा। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय रहेंगे। मुख्य वक्ता महर्षि महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान के चेयरमैन भरत बैरागी (राज्य मंत्री दर्जा) तथा संस्कृत भारती के मध्यक्षेत्र के संगठन मंत्री प्रमोद पंडित रहेंगे। अध्यक्षता महर्षि पाणिनि संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विजय मेनन करेंगे। विशेष अतिथि सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, स्थानीय विधायक गोलू शुक्ला एवं प्राचार्य डॉ. तृप्ति जोशी रहेंगी। समापन सत्र के मुख्य अतिथि तिरुपति विश्वविद्यालय के आचार्य कृष्णकांत भार्गव रहेंगे। सारस्वत अतिथि लालबहादुर शास्त्री विवि दिल्ली के कुलपति डॉ मुरलीमनोहर पाठक होंगे। अध्यक्षता राष्ट्रकवि पं. सत्यनारायण सत्तन करेंगे। विशेष अतिथि देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के कुलपति रेणु जैन, अतिरिक्त संचालक डॉ किरण सलूजा, मप्र ज्योतिष संघ के अध्यक्ष रामचन्द्र शर्मा वैदिक, संगोष्ठी निदेशक डॉ. विनायक पाण्डेय, कृपाराम उपाध्याय (भोपाल) आदि रहेंगे।
आयोजन अध्यक्ष कपिल शर्मा तथा महासचिव विनीत त्रिवेदी ने बताया कि संगोष्ठी में सम्मिलित होने के लिए पंजीयन प्रक्रिया अभी जारी है और अब तक देश के विभिन्न प्रति जैसे राजस्थान हिमाचल प्रदेश उत्तर प्रदेश उत्तराखंड आंध्र प्रदेश छत्तीसगढ़ उड़ीसा आदि से कई प्राध्यापकों अनुसंधानकर्ताओं ज्योतिषी आदि ने पंजीयन किए हैं। अब तक लगभग 238 पंजीयन हो चुके हैं। संगोष्ठी में देश के विभिन्न शहरों और विश्वविद्यालयों से लगभग 400 ज्योतिषी तथा वास्तुविदों के सम्मिलित होने की संभावना है। इनमें से कई विद्वान तीन अलग-अलग सत्रों में विभिन्न विषयों पर अपने रिसर्च पेपर प्रस्तुत करेंगे। कार्यक्रम में देश के लगभग 34 पंचांग निर्माता भी अपने पंचांगों की विशिष्टता पर प्रकाश डालेंगे।
सम्मेलन में स्वास्थ्य, रोजगार, शिक्षा, व्यापार, विवाह तथा स्मार्टसिटी निर्माण और वास्तु जैसे विषयों के साथ ही ज्योतिष और वास्तु के संबंधित विभिन्न भ्रमों का निवारण भी किया जाएगा। इस अवसर पर विद्वानों द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले शोध पत्रों का प्रकाशन भी स्मारिका के रूप में किया जाएगा। आयोजन में ज्योतिष की विभिन्न विधाओं जैसे फलित ज्योतिष, चिकित्सा ज्योतिष अंकशास्त्र, हस्तरेखा शास्त्र, शकुनशास्त्र, कृष्णमूर्ति पद्धति, फेंगशुई, टैरोकार्ड, रमलशास्त्र, वास्तुशास्त्र के देशभर के मूर्धन्य विद्वान सम्मिलित होंगे।

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