दूल्हा बने भोलेनाथ को सैकड़ों महिलाओंने लगाई हल्दी, एक-दूजे ने रचाई मेहंदी
महामंडलेश्वर स्वामी चिन्मयानंद के सानिध्य में 151 विद्वानों ने संपन्न कराई रस्में
आज निकलेगी शिवजी की बरात
इंदौर। विमानतल मार्ग स्थित श्री श्रीविद्याधाम पर महाशिवरात्रि के पावन प्रसंग पर पहली बार दक्षिण भारतीय तर्ज पर आज से श्री शिव-गिरिजा कल्याणोत्सव का तीन दिवसीय दिव्य आयोजन भगवान भोलेनाथ के जयघोष के बीच प्रारंभ हो गया। भूदेवों के शंखनाद और वैदिक मंत्रों की मंगल ध्वनि के बीच इस उत्सव में बुधवार को सैकड़ों महिलाओं ने भगवान शिव को दूल्हा बनाकर पहले उन्हें हल्दी लगाई, फिर महिलाओं ने भी स्वयं अथवा एक-दूसरे को मेहंदी लगाकर इस उत्सव का शुभारंभ किया। विद्याधाम पर अगले दो दिनों तक भगवान शिव और मां पार्वती के विवाह की सभी रस्में निर्वाह की जाएंगी। आश्रम इन दिनों पूरी तरह शिव-शक्तिमय बना हुआ है। आश्रम के 151 बटुकों ने विवाह की पहले दिन की प्रक्रिया संपन्न कराई।
आश्रम परिवार के यदुनंदन माहेश्वरी, पं. दिनेश शर्मा एवं राजेन्द्र महाजन ने बताया कि बुधवार को अपरान्ह 4 बजे भगवती उपासना मंडल की बहनों द्वारा महिला संगीत के साथ इसकी शुरुआत की गई। महिला संगीत का सम्पूर्ण जिम्मा भगवती उपासना मंडल की बहनों, श्रीमती वीणा सोमानी, रेणु गुप्ता, उमा शुक्ला, सरस्वती शर्मा, निशा पसारी, निर्मला महाजन आदि ने संभाला। उत्साह के साथ लोकगीतों की धुनों पर पीतांबर वस्त्रधारी मातृशक्ति थिरकती रहीं। सैकड़ों की संख्या में शिव भक्त भी मौजूद रहे। रंगारंग आतिशबाजी भी की गई। महामंडलेश्वर स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती के सानिध्य में आश्रम के विद्वानों ने दूल्हा बने भोलेनाथ को हल्दी लगाकर इस उत्सव का शुभारंभ किया। आज से आश्रम पर शिव-गिरिजा कल्याणोत्सव की धूम शुरू हो गई है। आचार्य पं. राजेश शर्मा, आचार्य पं. राहुल शर्मा, आचार्य पं. योगेश पाराशर, आचार्य पं. आशीर्वाद शर्मा सहित 151 बटुकों ने विवाह की पहले दिन की रस्में संपन्न कराई।
उन्होंने बताया कि 8 मार्च तक यहां प्रतिदिन अपरान्ह 4 बजे से शिव-पार्वती विवाह की परंपरागत रस्में निभाई जाएंगी। बुधवार को हल्दी के बाद गुरूवार, 7 मार्च को अपरान्ह 4 बजे से मंदिर परिसर में यदुनंदन माहेश्वरी के निर्देशन में शिवजी की दिव्य बारात निकाली जाएगी, जिसमें शिवजी अपनी सवारी नंदी पर सवार होकर दूल्हे के रूप में निकलेंगे। इस बरात में शिवजी की बरात में शामिल होने वाले सभी परंपागत बराती भी शोभायमान होंगे, जिनमें भूत, प्रेत, पिशाच, चुड़ेल और अन्य ओघड़ भी दिखाई देंगे। शुक्रवार 8 मार्च को शिव-गिरिजा विवाह समारोह का दिव्य और जीवंत उत्सव मनाया जाएगा, जिसमें लग्नवेदी में शिव और पार्वती के प्रतीक सात फेरे भी लेंगे और विवाह की अन्य सभी रस्में भी निभाएंगे। आयोजन को लेकर विद्याधाम परिवार के साथ ही आश्रम से जुड़े भक्तों में भी व्यापक उत्साह देखने को मिल रहा है।