पिपली बाजार उपाश्रय में जैन समाज जनों ने आचार्य दौलत सागर सूरीश्वर महाराज सा को किया स्मरण
दौलत सागर जी महाराज ने जीवन में प्रशंसा और प्रसिद्धि नहीं साधना और सिद्धि में विनियोग किया - गणवीर्य आनंद चंद्र सागर जी महाराज सा

पिपली बाजार उपाश्रय में जैन समाज जनों ने आचार्य दौलत सागर सूरीश्वर महाराज सा को किया स्मरण
103 समाजजनों ने 48 मिनट तक की सामायीक, साधु जैसे जीवन का अनुसरण किया…. अद्वितिय नजारा
इंदौर। गुरुदेव श्री केवल नाम के ही दौलत नहीं थे वह सद्गुणों से भी दौलतमंद थे उनके पास ज्ञान की दौलत, क्षमता की दौलत , समर्पण की दौलत और इन सबसे बढ़कर श्रेष्ठ चरित्र की दौलत थी। परम पूज्य आचार्य दौलत सागर सुरीश्वर महाराज सा अपने जीवन में प्रशंसा और प्रसिद्धि में नहीं , साधना और सिद्धि में विनियोग किया वे जन्म से पटेल होते हुए भी कर्म से महान जैनाचार्य बनाकर सर्वोच्च पद पर पहुंचे थे। उन्हें समग्र जैन समाज के चारों फिरको में श्वेतांबर, दिगंबर, स्थानकवासी, तेरापंथी सभी ने मिलकर संघ स्थविर की पदवी से विभूषित किया था।
रविवार को पिपली बाजार उपाश्रय में उक्त विचार गणविर्य आनंद चंद्र सागर महाराज सा, मुनी ऋषभ चंद्र सागर जी महाराज सा. आदि संत महात्माओं और सैकड़ो जैन समाज जनों के बीच गच्छादीपती दौलत सागर सुरीश्वर जी महाराज के गुणानुवाद सभा ( शब्दान्जली सभा ) सभा में व्यक्त किया। श्री अबुर्द गिरिराज जैन श्वेतांबर तपागंज उपाश्रय ट्रस्ट एवं समस्त जैन श्वेतांबर श्री संघ के द्वारा आज गुणानुवाद सभा का आयोजन किया आचार्य दौलत सागर जी महाराज ने 103 वर्ष की आयु पूर्ण की एव 85 वर्ष तक संयम का जीवन जीते हुए भगवान महावीर के संदेश को जन-जन तक पहुंचा इसलिए नवकार परिवार की ओर से 103 पुरुषों ने 48 मिनट की सामयीक की।इस अवसर पर सभी ने साधु के समान जीवन इस समय में जीया, सभी ने सांसारिक वस्तुओं का त्याग रखा,। यह अद्भुत नजारा देखने वालों को मोह रहा था। समग्र श्वेतांबर समाज की ओर से पारसमल बोहरा, प्रकाश भटेवरा, नीरज जैन , अभय गुरुजी , प्रवीण गुरुजी, यशवंत जैन , पुण्य पाल सुराणा आदि प्रमुख रूप से इस अद्भुत कार्यक्रम के साक्षी बने कार्यक्रम का संचालन पिपली बाजार ट्रस्ट के ट्रस्टी शेखर गेलडा ने किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में इंदौर शहर के सभी जैन मंदिरों के श्रावक श्राविकाएं और जैन समाज जैन पिपली बाजार मंदिर में नवकारसी, इसके बाद प्रवचन और सामाजिक का अद्भुत नजारा देखते ही बन रहा था 4 घंटे से ज्यादा चले इस आयोजन में 40 से ज्यादा साधु साध्वी भगवत और हजारों जैन समाज जन साक्षी बने। प्रवीण गुरुजी ने बताया कि नूतन गच्छाधिपति आचार्य देव श्री नरदेवसागरसुरेश्वरजी महाराज का भी वंदन अभिनंदन हुआ, सारा नजारा उल्लास से भर गया।