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अनुसन्धान-उद्योग जगत –परिचर्चा” का आयोजन.

सोयाबीन के खाद्य पदार्थ/सोया खली के देश में ही उपभोग बढ़ने से किसानो को मिलने वाले बाजार मूल्य में स्थिरता आए

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इंदौर। भारतीय सोयाबीन अनुसन्धान संस्थान, इंदौर के एग्री बिज़नस इन्कुबेशन केंद्र द्वारा “अनुसन्धान-उद्योग जगत –परिचर्चा” पर संवाद कार्यक्रम में देश के विभिन्न क्षेत्रों से लगभग 40 उद्यमी, नवुद्योजक, सोया वैज्ञानिकों सहित लगभग 65 प्रतिभागियों ने इस संवाद कार्यक्रम में अपने अपने विचार प्रस्तुत किये. कार्यक्रम के प्रारंभ में सभी ने संस्थान के एग्री बिजेनेस इन्कुबेशन केंद्र से प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन प्राप्त सोया बीजोत्पादन तथा सोया आधारित प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया. इस अवसर पर इन्कुबेशन केंद्र के प्रधान अन्वेषक डॉ महावीर प्रसाद शर्मा ने आगंतुकों को सोया कुकीज, टोफू, सोया दूध, सोया नमकीन जैसे सोया आधारित खाद्य पदार्थों के साथ-साथ सोयाबीन की खेती में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस एवं जस्ता घोलक जीवाणु मिश्रित तरल जैव पदार्थों का प्रदर्शन एवं उनके निर्माण विधि पर तकनिकी जानकारी दी तथा उद्यमियों को इस क्षेत्र में उद्यमिता हेतु निवेश करने का आवाहन किया.

भारतीय सोयाबीन अनुसन्धान संस्थान के सभागार में आयोजित मुख्या संवाद कार्यक्रम के प्रारंभ में संस्थान के निदेशक डॉ कुंवर हरेन्द्र सिंह ने सभी उपस्थित एवं ऑनलाइन मोड से जुड़े हित्ग्रह्हियों का स्वागत एवं सोयाबीन की खेती का देश में परिदृश्य प्रस्तुत करते हुए कहा कि सोयाबीन की आर्थिकी को निर्यात निर्भरता से धीरे धीरे कम कर सोयाबीन के खाद्य पदार्थ/सोया खली के देश में ही उपभोग बढ़ने से किसानो को मिलने वाले बाजार मूल्य में स्थिरता आएगी.

कार्यक्रम के दौरान महाराष्ट्र राज्य के सांगली एवं लातूर जिले की 4 कृषि उत्पाद संस्था (एफ.पी.ओ.) के साथ सोयाबीन की उन्नत उत्पादन तकनिकी के आदान प्रदान हेतु एम्.ओ,यु. हस्ताक्षरित किया गया. साथ ही इंदौर स्थित मार्फ़ इंडस्ट्रीज, इंडो एग्रितेक एवं साम्विक फूड्स जैसे नये स्टार्टअप के साथ इन्कुबेशन हेतु एम्.ओ,यु. हस्ताक्षरित किया गया. कार्यक्रम के दौरान “एग्री बिजनेस इन्कुबेशन अपॉर्चुनिटी एंड टेक्नोलॉजी अवेलेबल फॉर कोम्मेर्शिअलैजेशन” शीर्षक के प्रकाहन का भी विमोचन हुआ.

इस परिचर्चा कार्यक्रम में भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् के नई दिल्ली स्थित मुख्यालय से सहायक महानिदेशक (बौद्धिक सम्पदा एवं तकनिकी प्रबंधन) डॉ सुश्री नीरू भूषण ने ऑनलाइन माध्यम से संबोधित कर भारतीय सोयाबीन अनुसन्धान संस्थान कके एग्री बिजनेस इन्कुबेशन केंद्र द्वारा आयोजी की जा रही विभिन्न गतिविधियों की प्रशंसा की. उन्होंने यह भी कहा कि इन्कुबेशन केंद्र से प्रशिक्षण ले रहे नवुद्योजको को प्रसंस्करण विधियों के साथ साथ मार्केटिंग एवं ब्रांडिंग, प्रमोशन के साथ साथ इंडस्ट्रियल टाई अप पर भी ध्यान देने की आवश्यकता हैं.

परिचर्चा के समापन समारोह के अवसर पर सभी ने वर्ष 2025 को सोया वर्ष के रूप में मनाने का संकल्प लेकर भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् के माध्यम से तत्संबंधी प्रस्ताव प्रेषित किये जाने पर सहमती दर्शाई. बैठक में सोयाबीन प्रोसेसर एसोसिएशन श्री डी. एन. पाठक; नुट्रीटेक कंसल्टिंग सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, हैदराबाद के डॉ सुरेश इटापू, ए बी. विस्टा साउथ एशिया कार्यालय पुणे के प्रमुख डॉ दिनेश भोसले, साय्टोलाइफ कंपनी मुंबई के प्रमुख डॉ अमित त्रिपाठी तथा बैंकिंग सेक्टर-स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया जैसी पब्लिक सेक्टर संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया.

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