
उलझी कांग्रेस
नाथजी कुछ तो बोलो
कांग्रेसी ही रहोगे या भगवाधारी बनोगे
विवाद के कारण इन नेताओं को छोड़ना पड़ी थी कांग्रेस गोविंद नारायण सिंह
अर्जुनसिंह
माधवराव सिंधिया
ज्योतिरादित्य सिंधिया
कांग्रेस के लिए आगे क्या है नाथ के फैसला का इंतजार
राहुल की प्रदेश यात्रा
लोकसभा की तैयारी
प्रत्याशियों का चयन
विपिन नीमा 
इंदौर। मप्र कांग्रेस कमेटी इस समय सियासी चक्रव्यूह में उलझी हुई है। ये दोनों ही इश्यू लोकसभा चुनाव से जुड़े हुए है। पहला कमलनाथ की पिक्चर क्लियर नही हो पा रही है और दूसरा प्रदेश में आने वाली राहुल गांधी की भारत जोड़ों न्याय यात्रा की तैयारी। कमलनाथ भाजपा को होंगे या कांग्रेसी रहेंगे ये सस्पेंस बरकरार है। कमलनाथ के मामले में दिग्विजयसिंह , सज्जनसिंह वर्मा और जीतू पटवारी के एक समान बयान आ रहे है। यह स्थिति तब ही क्लियर होगी जब वे खुद आकर कहेंगे। कमलनाथ ने भाजपा और कांग्रेस को बीच में लटका रखा हे । वे न स्वीकार कर रहे है और न ही इनकार कर रहे है। नाथ को मनाने के साथ साथ कांग्रेस राहुल गांधी की भारत जोड़ों न्याय यात्रा को प्रदेश में सफल बनाने में जुटी हुई है। PCC प्रमुख जीतू पटवारी यात्रा को लेकर लगातार भागा दौड़ी कर रहे है। भारत जोड़ों न्याय यात्रा की तैयारियों के संबंध में 22 से 24 फरवरी तक रतलाम, धार, उज्जैन, शाजापुर, राजगढ़, गुना और शिवपुरी जिलों का सघन दौरा करेंगे। कांग्रेस में यह भी यह चर्चा चल रही है की राहुल की यात्रा के तत्काल बाद लोकसभा के प्रत्याशियों का चयन किया जाएंगा।
कमलनाथ के आफीशियली बयान
का सभी को इंतजार मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री , कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और गांधी परिवार के सबसे नजदीकी कमलनाथ को लेकर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी उनके आफीशियली बयान का इंतजार कर रही है। लोकसभा चुनाव सिर पर है और ऐसे में चुनावी रणनीति बनाने के साथ प्रत्याशियों को तैयार करने का समय है , लेकिन चुनाव की तैयारियों से दूर पूरी कांग्रेस कलमनाथ प्रकरण में उलझ गई है। जब तक कमलनाथ खुद आकर खुद की स्थिति को स्पष्ट नहीं करेंगे तब तक कांग्रेस इसी में उलझी रहेगी। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह, पूर्व मंत्री सज्जनसिंह वर्मा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी लगातार कमलनाथ के भाजपा में शामिल नहीं होने के बयान दे रहे है, लेकिन उनके बयान को ज्यादा तब्बजों इसलिए नहीं मिल रही है क्योंकि कमलनाथ बिलकुल शांत है।
आखिर कमलनाथ के भाजपा में जाने की खबर कहा से निकली –
कमलनाथ के बारे में हर कोई यह जानना चाहता है की भाजपा में जाने की खबर आई कहां से। इसको लेकर दो बड़े सवाल सामने आ रहे है – पहला – क्या वाइक कमलनाथ कांग्रेस से दुखी है इसीलिए भाजपा में जाना चाहते है .. दूसरा – वे अपने पुत्र नकूलनाथ को बड़े सम्मान के साथ भाजपा में शामिल करवाना चाहते है। खैर सच्चाई तो उसी वक्त सामने आएंगी जब कमलनाथ अपना मुंह खोलेंगे। उनके लिए कांग्रेस के तीन वरिष्ठ नेता दिग्विजयसिंह , सज्जनसिंह वर्मा और जीतू पटवारी के बयान यही आ रहे है की कमलनाथ कांग्रेसी ही रहेंगे। क्या कहते है तीनों दिग्गज नेता –
जीतू पटवारी
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कमलनाथ के बीजेपी ज्वाइन करने के सवाल पर कहा है कि वे गांधी परिवार से विगत 40 सालों से जुड़े हुए है। वे ऐसा कभी नहीं कर सकते हैं। ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस नेतृत्व फिलहाल वेट एंड वॉच की स्थिति में हैं।
दिग्विजयसिंह – लम्बे समय तक कमलनाथ के साथ राजनीति करने वाले मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने जरूर उम्मीद जताई है कि कमलनाथ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में नहीं जाएंग। .
सज्जन सिंह वर्मा – कमलनाथ के सबसे नजदीकी पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा ने कहा- कमलनाथ जी कह रहे हैं कि कोई कहीं नहीं जाने वाला। जिन लोगों ने कांग्रेस को वट वृक्ष बनाया है, वो कैसे छोड़ सकते हैं। वे कांग्रेस के है और कांग्रेसी ही रहेंगे।
आपसी खींचतान के कारण ये चार दिग्गज
पार्टी छोड़ चुके थे
गोविंद नारायण सिंह – कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गोविंद नारायण सिंह ने कांग्रेस में लम्बे समय तक रहे, लेकिन बाद उन्होंने कांग्रेस से बगावत की और कांग्रेस छोड़ दी। जुलाई 1967 में वे मप्र की पहली गैर कांग्रेसी सरकार में मुख्यमंत्री बने थे। हालांकि वे लम्बे वक्त तक कांग्रेस से दूर नहीं रहे और पार्टी में फिर से उनकी वापसी हो गई।
अर्जुनसिंह – फरवरी 1995 में अर्जुनसिंह ने कांग्रेस छोड़ दी और नारायण दत्त तिवारी की नई कांग्रेस शामिल हो गए। पार्टी के अज्यक्ष नारायणदत्त तिवारी ने उन्हें अपनी पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया। तिवारी कांग्रेस की 1996 के चुनावों में गत हो गई.और पार्टी अध्यक्ष एनडी तिवारी और कार्यकारी अध्यक्ष अर्जुनसिंह दोनों चुनाव हार गए और लोकसभा नहीं पहुंच पाए। अर्जुनसिंह को पार्टी को छोड़े एक साल ही हुआ था की फिर से उनकी कांग्रेस में वापसी हो गई।
माधवराव सिंधिया – जनवरी 1996 को माधवराव सिंधिया के कांग्रेस नेतृत्व के साथ मदभेद हो गए थे । इसी से खिन्न होकर सिंधिया ने कांग्रेस छोड़कर अपनी पार्टी बनाकर ली थी जिसका नाम मप्र विकास कांग्रेस रखा था। इसी नाम से उन्होंने चुनाव भी लड़ा था। हालांकि वे लम्बे समय तक कांग्रेस से अलग नहीं रहे। वो फिर से पार्टी में वापस आ गए थे।
ज्योतिरादित्य सिंधिया – नवम्बर 2020 में वरिष्ठ नेता तथा माधवराव सिंधिया के पुत्र ज्योतिरादित्य को भी पार्टी में हुई आपसी खींचतान के चलते कांग्रेस छोड़ना पड़ी । उन्होंने पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन संभाल लिया। आज वे मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री के पद पर है।