इंदौरव्यवसाय

इंदौर में आई खादी कॉटन की हैंड पेंटेड साड़ी

मेरठ से लेकर कश्मीर और महाराष्ट्र तक का खादी मौजूद है प्रदर्शनी में

ब्रश को उठाने बगैर पेंट कर देते हैं पूरी साड़ी
इंदौर, । मध्यप्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड, कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्रालय, मध्यप्रदेश शासन ने इंदौर के ढक्कन वाला कुआं स्थित ग्रामीण हाट बाजार में राष्ट्रीय स्तरीय खादी प्रदर्शनी का आयोजन किया है। इसका शुभारंभ आज शनिवार को शाम 6 बजे इंदौर के सांसद शंकर लालवानी ने किया। प्रदर्शनी में मेरठ से लेकर कश्मीर तक का खादी कॉटन मौजूद है, तो यहां महाराष्ट्र के इलाकों में होने वाला खादी काम भी देखा जा सकता है। प्रदर्शनी में यूं तो 50 से ज्यादा स्टॉल मौजूद है, लेकिन मेरठ के स्वदेशी वस्त्र भंडार के बुनकर अपने साथ खादी कॉटन के कई पहनावे लेकर आए हैं। 18 साल से खादी के लिए काम कर रही इस संस्था के पास महिलाओं के लिए कुर्ता, पैंट, कुरती, पुरुष के लिए कुर्ते शर्ट और नेहरू जैकेट की बड़ी रेंज मौजूद है। पहले पुरुषों में ही प्रचलित खादी कॉटन अब महिलाओं में भी प्रचलित है। महिलाओं में भी खादी कॉटन के कपड़ों की मांग बढ़ गई है।
प्रदर्शनी में महाराष्ट्र के पालघर जिले का ओम साईं लघु उद्योग भी शामिल हुआ है। यह हैंड पेंटेड साड़ी लेकर आए है, जो खादी कॉटन पर किया गया है। रॉ फैब्रिक पर हैंड पेंटिंग का काम यहां पुरुष कलाकार सिंगल स्ट्रोक के साथ करते है। यानी ब्रश को उठाने बगैर पूरे कपड़े पर एक साथ पेंट करते हैं । ऑर्गेनिक फैब्रिक पेंट के इस्तेमाल के साथ तैयार की गई यह खादी कॉटन की साड़ियां अलग-अलग क्षेत्र में महिलाएं और पुरुष मिलकर तैयार करते हैं, जिसके बाद लघु उद्योग के माध्यम से इसे देश के अलग-अलग हिस्सों में पहुंचाया जाता है। इनके पास साड़ी के अलावा वरली कला का काम की गई कुर्तियां भी मौजूद है।
चूंकि प्रदर्शनी को खादी को बढ़ावा देने के लिए लगाया गया है, इसीलिए यहां खादी की बेडशीट भी मौजूद है। इसे यूपी के खड़ी भंडार लेकर आए है, जो बताते हैं कि यह इस समय बहुत मांग में है। इसे लोग बहुत पसंद कर रहे हैं। कई घरों में छोटी-छोटी यूनिट के साथ परिवार के लोग इसे मिलकर तैयार करते हैं। इसी प्रदर्शनी में मध्यप्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड ने भी अपना एक स्टॉल लगाया है। इस स्टॉल पर अगरबत्ती, साबुन और शहद से लेकर खादी कॉटन की घर में इस्तेमाल की जाने वाली कई वस्तुएं उपलब्ध है।

इस प्रदर्शनी में स्वदेशी वस्त्रों को बढ़ावा देने के लिए बुनकरों के काम के अलावा कश्मीर के सूखे मेवे और आयुर्वेदिक चीजें भी मौजूद है। यहां लेदर के काम भी देखे जा सकते है। प्रदर्शनी में देवास के लेदर के बैग के साथ ही धार के लेदर शूज भी मौजूद है। प्रबंधक खादी ग्रामोद्योग, जिला पंचायत इंदौर, गौरवराज सिंह ने बताया कि खादी प्रदर्शनी में विंध्यावैली प्रोजेक्ट से जुड़े सभी उत्पादों पर विशेष छुट भी रखी गई है। प्रदर्शनी का समय दोपहर 12 से रात 9 बजे तक है।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!