जीवन में अगर झुकना पड़े तो विवेक का इस्तेमाल करें- गोस्वामी ब्रजोत्सव महाराज
जिस प्रकार सूखी लकड़ी टूट जाती है उसी प्रकार जीवन में अकड़ के कारण इंसान को टूटना पड़ता है।

इन्दौर । जिस प्रकार सूखी लकड़ी टूट जाती है उसी प्रकार जीवन में अकड़ के कारण इंसान को टूटना पड़ता है। जीवन कभी विपरीत परिस्थिति निर्मित हो या झुकना पड़े तो शास्त्र सम्मत व विवेक का इस्तेमाल करते हुए काम लेना चाहिए। जिस प्रकार जमा हुआ दही गुणकारी होता है उसी प्रकार हमारा जीवन भी जमा हुआ होना चाहिए। उक्त विचार मल्हारगंज स्थित गोवर्धन नाथ मंदिर हवेली प्रांगण में जारी भागवत कथा में गुरूवार को व्यास पीठ से गोस्वामी ब्रजोत्सव जी महाराज ने वैष्णवजनों को कथा का रसपान करवाते हुए व्यक्त किए। उन्होंने गुरूवार को नंद बाबा के यहां ठाकुर जी के आगमन से होने वाली खुशियों का वर्णन करते हुए कहा कि ब्रजवासियों के लिए ठाकुर जी औषधी के रूप में थे तो ठाकुर जी के लिए ब्रजवासी औषधी रूप थे। वहीं उन्होंने पूतना का वर्णन करते हुए कहा कि जब जीवन अविद्या का प्रवेश होता है तो सभी उसके मोह से मोहित होने लगते हैं। गोवर्धननाथ मंदिर में जारी भागवत कथा में अलग-अलग प्रसंगोत्सव पर कलाकारों द्वारा चरित्र-चित्रण कर भाव-विभोर प्रस्तुतियां भी दी जा रही है।
पुरूषोत्तम मास महामहोत्सव समिति जानकीलाल नीमा, मनोज नागर, मनोहर महाजन एवं सुरेश ठाकुर ने बताया कि मल्हारगंज स्थित गोवर्धननाथ मंदिर हवेली प्रांगण में जारी भागवत कथा के दौरान समिति के पदाधिकारियों द्वारा एक पत्रिका का विमोचन भी किया गया। इसी के साथ भक्त मण्डल ने गोस्वामी ब्रजोत्सव महाराज का अभिनंदन पाती भेंट कर उनका सम्मान भी किया गया। यह सम्मान वल्र्ड बुक ऑफ रिकार्ड विश्वकीर्तिमान सोमयज्ञ सम्राट के अलंकरण के रूप में दिया गया। इस अवसर पर बीमा नीमा समाज, दशा नीमा समाज, विशा नागर समाज श्रीमद् भागवत मंडल, वैष्णव मित्र मंडल, श्रीयमुना महिला मण्डल, श्री हरिराय मण्डल, गुजराती वैष्णव मंडल के प्रतिनिधि उपस्थित थे।