खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत खाद्य कारोबारकर्ताओ को लेना होगा लायसेंस

बड़वानी। खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 एवं खाद्य सुरक्षा एवं मानक नियम 2011 के अंतर्गत छोटे-बडे समस्त प्रकार के खाद्य कारोबारकर्ताओं को खाद्य लायसेंस/पंजीयन लेना कानूनन अनिवार्य हैं। बिना खाद्य लायसेंस/पंजीयन खाद्य कारोबार करने पर सजा एवं अर्थदण्ड का प्रावधान हैं।
खाद्य सुरक्षा प्रशासन कार्यालय से प्राप्त जानकारी अनुसार समस्त खाद्य निर्माता/रिपेकर/एजेंसी, पान मसाला/सुपारी विक्रेता, किराना, होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा, दूध एवं दूग्ध उत्पाद निर्माता एवं विक्रेता, ज्यूस/ आईसक्रीम सेंटर, फल एवं सब्जी विक्रेता, पानी पुरी/चाट/पोहा/समोसा/चाय के ठेले वाले, पान गुमटी, समस्त खाद्य पदार्थों के परिवहनकर्ता, शादी पार्टी में खाना बनाने वाले केटर्स एवं हलवाई, टिफिन सेंटर, अनाज का व्यापर करने वाले, आटा व मसाला चक्की, मेडिकल स्टोर्स, हॉस्पिटल व अन्य शासकीय एवं निजी संस्थाओं में संचालित केन्टीन, खाद्य पदार्थों की ऑनलाईन डिलेवरी करने वाले, मटन/मछली एवं अण्डा विकेता तथा अन्य सभी खाद्य कारोबारकर्ता जो खाने-पीने से संबंधित सामाग्रियों का निर्माण, संग्रहण एवं विक्रय करते हैं, सभी को खाद्य लायसेंस/पंजीयन लेना अनिवार्य है।
इन्हे लेना हैं लायसेंस
ऐसे खाद्य कारोबारकर्ता जो सालाना रूपये 12 लाख से अधिक का खाद्य कारोबार करते हैं। 12 लाख तक का खाद्य कारोबार करते हैं अथवा जो शुल्क रूपये 2000 प्रतिवर्ष। अथवा जो प्रतिदिन 100 प्रतिदिन 100 किलोग्राम से अधिक निर्माण/रिपैक करते है। उन्हे फर्म का नक्शा, पहचान पत्र, पासपोर्ट फोटो, दुकान के पते का दस्तावेज के माध्यम से लायसेंस लेना होगा
इन्हे लेना हैं पंजीयन
ऐसे खाद्य कारोबारकर्ता जो सालाना रूपये 12 लाख तक का खाद्य कारोबार करते हैं अथवा जो प्रतिदिन 100 किलोग्राम तक निर्माण/रिपैक करते है। उन्हे पहचान पत्र, पासपोर्ट फोटो के माध्यम से पंजीयन कराना होगा। मटन/मछली एवं अण्डा विकेताओं को नगर पालिका द्वारा जारी अनापत्ति प्रमाण-पत्र भी प्रस्तुत करना होगा।