विविध

टेलीविजन की पसंदीदा आॅन-स् क्रीन ‘माॅम्स’

इंदौर से विनोद गोयल की रिपोर्ट:—-

मुंबई। भारतीय टेलीविजन के इतिहास में, विभिन्न शोज में ‘माँ‘ के रूप में कुछ बेहद यादगार महिला किरदारों को दिखाया गया है। इसमें माँ को प्यार, परवाह, अपनेपन और त्याग की मूरत के रूप में पेश किया गया है। छोटे पर्दे की इन मांओं ने दर्शकों के दिलो-दिमाग पर लंबे समय तक छाप छोड़ी है। इस मदर्स डे पर एण्डटीवी की कलाकार अपने आॅन-स्क्रीन बच्चों की प्यारी मां बनने के विभिन्न पहलुओं पर बात कर रही हैं। इन कलाकारों में शामिल हैं – नेहा जोशी (यशोदा, ‘दूसरी माँ’), कामना पाठक (राजेश, ‘हप्पू की उलटन पलटन’) और सोमा राठौड़ (अम्माजी, ‘भाबीजी घर पर हैं’)। ‘दूसरी माँ‘ की यशोदा, यानि नेहा जोशी ने कहा, ‘‘दूसरी माँ’ ऐसा शो है, जो मातृत्व की अतुलनीय भावना की सराहना करता है। इस शो की मुख्य किरदार यशोदा जीवन की चुनौतियों के बीच अपने बच्चों के लिये अटूट प्यार का प्रदर्शन करती है। अपने बच्चों के लिये उसका प्यार खून के रिश्ते से बढ़कर है और अपने बेटे कृष्णा की सुरक्षा के लिये वह सारी बुरी ताकतों से लड़ जाती है। यशोदा साहस और लगातार विकसित हो रहे मातृत्व का प्रतीक है और अपने तीन बच्चों- कृष्णा (आयुध भानुशाली), आस्था (आदविका शर्मा) और नूपुर (आन्या गलवान) की सुरक्षा और सेहत सुनिश्चित करने के लिये किसी भी हद को पार कर जाएगी। यशोदा अपने सभी बच्चों के साथ बराबरी वाला और बिना भेदभाव का व्यवहार करती है, उन्हें अच्छे मूल्यों की शिक्षा देती है और परिवार की एकजुटता को बढ़ावा देती है। वह एक आत्मनिर्भर और मजबूत इच्छाशक्ति वाली महिला है, जिसके बच्चे ही उसकी दुनिया हैं और इसलिये वह एक आदर्श माँ है।’’

‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की राजेश, यानि कामना पाठक ने कहा, ‘‘मैं अपने शो में नौ बच्चों की माँ बनी हूँ और हर बच्चे की शख्सियत अलग है। चाहे ऋतिक (आर्यन प्रजापति) हो, चमची (ज़ारा वारसी), कैट सिंह (गज़ल सूद), रनबीर (सोम्या आज़ाद) या मलाइका (सोनल पंवार), उनके लिये मेरा प्यार बराबर है और कभी-कभी मुझे प्यार के साथ-साथ मार से भी काम लेना पड़ता है (हंसती हैं)। मेरे किरदार राजेश को पता है कि सारे बच्चों को खुश कैसे रखा जाए और वह उनकी इच्छाएं पूरी करने के लिये कुछ भी करेगी। वह परिवार का आधार है और अपने बच्चों को मजबूत बनाती है और उन्हें सपोर्ट करती है। राजेश परिवार के लिये पुलिस आॅफिसर के जैसी है और सुनिश्चित करती है कि हर चीज नियंत्रण में रहे। उसके बिना घर अस्त-व्यस्त हो जाएगा। उसे माँ के तौर पर अपने कर्तव्यों को निभाने की कोशिश नहीं करनी पड़ती है और इसलिये वह एक परफेक्ट सुपरमाॅम है। वह सख्त हो सकती है और अपने परिवार के लिये नियम बनाती है, लेकिन उसका मुख्य उद्देश्य है अपने बच्चों को खुश रखना।’’ ‘भाबीजी घर पर हैं‘ की अम्माजी, यानि सोमा राठौड़ ने कहा, ‘‘अम्माजी एक खुशमिजाज, आजाद-खयाल और जिंदादिल महिला हैं, जिनका उनके बेटे मनमोहन तिवारी (रोहिताश्व गौड़) समेत हर कोई सम्मान करता है। वह अपनी बहू अंगूरी (शुभांगी अत्रे) का हर कदम पर सपोर्ट करती है, उसे हमेशा अच्छी सलाह देती हैं और जरूरत पड़ने पर उसके साथ खड़ी होती हैं। अंगूरी के लिये उनका लगाव और हमेशा सपोर्ट करने वाला स्वभाव उन्हें एक बेजोड़ माँ और सास बनाता है। दिलचस्प बात यह है कि अम्माजी भारतीय टेलीविजन पर शायद ऐसी अकेली सास हैं, जो अपनी बहू को अपने बेटे से ज्यादा प्यार करती है (हंसती हैं)। पारंपरिक वेश में रहने के बावजूद अम्माजी सोच रूढ़ीवादी नहीं है और वह समस्याओं को हल करने के अपने तरीके निकाल लेती हैं। इस तरह वह एक बेजोड़ माँ और सास हैं।

देखिये ‘दूसरी माँ’ रात 8ः00 बजे, ‘हप्पू की उलटन पलटन’ रात 10ः00 बजे और ‘भाबीजी घर पर हैं’ रात 10ः30 बजे, हर सोमवार से शुक्रवार
सिर्फ एण्डटीवी पर!

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