पानसेमल; आवाज ऊंची होगी तो कुछ लोग ही सुनेंगे किंतु बात ऊंची होगी तो बहुत लोग सुनेंगे।

पानसेमल। जिसे गुण की पहचान नहीं, उसकी प्रशंसा से डरिए और जिसे गुण की पहचान है, उसके मौन से डरिए । जरा सी जिंदगी में व्यवधान बहुत है, तमाशा देखने को यह इंसान बहुत है। स्वयं ही बनाते हैं हम पेचीदा जिंदगी को वरना तो जीवन जीने के नुस्खे आसान बहुत है। विचार योग गुरु कृष्णकांत सोनी ने ग्राम दिवडिया के विद्यार्थियों के समक्ष कहे निशुल्क योग शिविर में। योग गुरु ने आगे बताया कि जिंदगी बदलने के लिए लड़ना पड़ता है और आसान बनाने के लिए जिंदगी को समझना पड़ता है, त्याग के बिना कुछ भी पाना संभव नहीं है, पहली श्वास के लिए भी दुसरी श्वास को छोड़ना पड़ता है। जीवन का आनंद मिलकर योग प्राणायाम करने से आता है, तभी हम पूर्ण स्वस्थ पूर्ण कामयाब होंगे। निशुल्क योग शिविर में जल नीति, कुर्सी आसान, विट्ठल आसान आदि के गुरु निशुल्क सिखाएं। गर्मी के दिनों में जल नीति का अभ्यास करने से मानसिक तनाव दूर होते हैं। इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता दीक्षित जी का सहयोग सराहनीय रहा।
छात्र सुनील स्पर्श घुटना आसान करते हुए।