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सीपीआर से बचाई जा सकती है जान, यह जागरूकता जरूरी

सीपीआर पर लोगों को किया जागरूक

इंदौर, । बदली हुई जीवन शैली के कारण हृदय के रोग की समस्याएं तेजी से बढ़ गई हैं। न केवल उम्र दराज लोगों में बल्कि युवाओं में भी हार्ट अटैक की समस्या देखने को मिल रही है। हर वर्ष लगभग 12 लाख लोग हृदय रोग के कारण अपनी जान गवाते हैं। जिस समय किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक या कार्डिएक अरेस्ट आता है उसे समय उसे व्यक्ति की जान सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) देकर बचाई जा सकती है। चिंता का विषय है कि बहुत कम लोगों को इसके बारे में जानकारी होती है। सीपीआर के संबंध में जागरूकता बढ़ाने और लोगों को इसका प्रशिक्षण देने के लिए मेदांता हॉस्पिटल के गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट डॉक्टर एचपी यादव ने 19 मार्च 2024 मंगलवार को इंदौर के नेहरू स्टेडियम में लाइव डेमो दिया और सीपीआर से जुड़ी जानकारी से लोगों को अवगत कराया।

इस सेशन में डमी बॉडी पर सीपीआर देकर दिखाया गया और इससे जुड़ी सभी भ्रांतियों पर लोगों से बात की। उन्होंने दिखाया कि सीपीआर के लिए सबसे पहले पीड़ित को किसी ठोस जगह पर लिटा दिया जाता है और प्राथमिक उपचार देने वाला व्यक्ति उसके पास घुटनों के बल बैठ जाता है। उसकी नाक और गला चेक कर यह सुनिश्चित किया जाता है कि उसे सांस के रास्ते में कोई रुकावट तो नहीं है। इसके बाद अपने दोनों हाथों की मदद से विशेष तरीके से एक मिनट में 100 से 120 बार छाती के बीच में तेजी से दबाना होता है। हर एक पुश के बाद छाती को वापस अपनी सामान्य स्थिति में आने देना चाहिए। इससे शरीर में पहले से मौजूद रक्त को हृदय पंप करने लगता है। 30 बार पुश करने के बाद मुंह पर साफ रूमाल रखकर दो बार सांसें दी जाती हैं। इससे शरीर में रक्त का प्रवाह शुरू होता है और मस्तिष्क को ऑक्सीजन मिलने लगती है।

सीपीआर के बारे में विस्तार से डॉ. यादव ने बताया कि, “कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) एक आपातकालीन प्रक्रिया है जो किसी व्यक्ति के दिल के रुकने पर उसकी जान बचाने में मदद कर सकती है। जब किसी व्यक्ति का दिल धड़कना बंद कर देता है, तो उसे कार्डियक अरेस्ट कहते हैं। कार्डिएक अरेस्ट के दौरान हृदय, मस्तिष्क और फेफड़ों सहित शरीर के बाकी हिस्सों में रक्त पंप नहीं कर सकता है। इस दौरान तुरंत इलाज नहीं मिलने पर मिनटों में ही व्यक्ति की मौत हो सकती है।

इस विशेष आयोजन में सीपीआर, हृदय रोग एवं स्वस्थ जीवन शैली के बारे में परामर्श दिया गया एवं इससे जुड़ी जानकारी उपलब्ध कराई गई। इस कार्यक्रम का आयोजन मनीष गौड़ एवं जलेबी गैंग के द्वारा किया गया। अयोजन में प्लास्टिक सर्जन डॉ. राजपाल समेत शहर भर से हर उम्र वर्ग के रनर्स मौजूद रहे।

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