ज्योतिषविदों के अनुसार पांच दिन बाद 17 जून को शनि देव सुबह 10 बजकर 48 मिनट पर वक्री अवस्था में जानें वाले हैं। शनि देव आगामी 04 नवंबर तक इसी अवस्था में रहेंगे। बता दें कि शनि वक्री का प्रभाव न केवल राशियों पर पड़ेगा, बल्कि देश और दुनिया पर भी पड़ेगा। माना जाता है कि जो व्यक्ति नियमों का ध्यान रखकर कार्य करता है, उन्हें शनि हानि नहीं पुहंचाते हैं, अन्यथा शनि देव क्रोधित हो जाते हैं।
शनि के वक्री होने का असर यूं तो सभी राशियों पर अलग अलग होगा लेकिन कर्क, तुला, वृश्चिक, कुंभ और मीन राशि वालों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है. मेष, वृषभ, मिथुन, सिंह और मकर राशि वालो के लिए वक्री शनि अच्छा रहेगा.
शनि बीज मंत्र- ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
हो सके तो अपनी क्षमता के अनुसार काली उड़द की दाल, काले तिल और काले कपड़ों का दान करें। शनिदेव का दान शाम के समय किया जाता है।
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