लड़कियों , लाइफ में कितना भी उतार चढ़ाव आए कभी रुकना मत , आत्मनिर्भर बनना : विनी झारिया
हमारे समाज में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए उन्हें आत्मनिर्भर बनाना आवश्यक है

-महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने पर आयोजित की वर्कशॉप
युवतियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कौशल विकास जरूरी-विनी झरिया
इंदौर। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कौशल विकास बहुत महत्वपूर्ण है। क्रिएट स्टोरिज एनजीओ द्वारा नेशनल स्किल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में आयोजित एक वर्कशॉप में चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट एवं साइकोथेरेपिस्ट विनी झारिया ने बात की।
कौशल विकास न केवल आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान करता है, बल्कि महिलाओं को सशक्त बनाने में भी अहम भूमिका निभाता है। इस वर्कशॉप में विभिन्न क्षेत्रों की युवतियों ने भाग लिया।
विनी झरिया ने बताया कि आज के दौर में युवतियों को आत्मनिर्भर बनने के लिए कौशल विकास कितना जरूरी है। उन्होंने कहा, कौशल विकास के माध्यम से महिलाएं न केवल आत्मनिर्भर बन सकती हैं, बल्कि वे समाज में अपनी एक मजबूत पहचान भी बना सकती हैं। आर्थिक स्वतंत्रता के साथ-साथ कौशल विकास उन्हें आत्मविश्वास और नई संभावनाओं के द्वार खोलता है। लड़कियों को उन्होंने कहा की लाइफ में कितना भी उतार चढ़ाव आए कभी रुकना मत ।
आर्थिक सहायता और सशक्तिकरण – कौशल विकास के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करते हुए विनी ने कहा कि इससे महिलाएं विभिन्न प्रकार की नौकरियों और स्वरोजगार के अवसर प्राप्त कर सकती हैं । इससे उन्हें आर्थिक सहायता मिलती है, जो उनकी स्वतंत्रता और सशक्तिकरण में सहायक होती है। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाएं विभिन्न उद्योगों में अपनी जगह बना सकती हैं और नेतृत्व की भूमिकाओं में भी उभर सकती हैं।
हमारे समाज में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए उन्हें आत्मनिर्भर बनाना आवश्यक है। कौशल विकास के माध्यम से हम उन्हें वह प्लेटफार्म दे सकते हैं, जिसकी मदद से वे अपने सपनों को साकार कर सकती हैं। यह न केवल उनके जीवन को बेहतर बनाता है, बल्कि समाज को भी समृद्ध बनाता है।
कौशल विकास के माध्यम से युवतियों को आत्मनिर्भर बनाना एक महत्वपूर्ण कदम है जो न केवल उनके जीवन को बेहतर बनाता है, बल्कि समाज में भी सकारात्मक बदलाव लाता है।
इस वर्कशॉप में विभिन्न कौशल विकास कार्यक्रमों की जानकारी दी गई। इसके तहत प्रमुख बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया-
- व्यावसायिक प्रशिक्षण- महिलाओं को विभिन्न प्रकार के व्यावसायिक प्रशिक्षण दिए गए, जैसे सिलाई, बुनाई, ब्यूटी पार्लर प्रबंधन, कंप्यूटर स्किल्स, और डिजिटल मार्केटिंग।
- स्वरोजगार के अवसर- स्वरोजगार के विभिन्न अवसरों पर चर्चा की गई, जिससे महिलाएं अपना व्यवसाय शुरू कर सकती हैं और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकती हैं।
- नेतृत्व और उद्यमिता- महिलाओं में नेतृत्व और उद्यमिता की भावना को बढ़ावा देने के लिए प्रेरणादायक सत्र आयोजित किए गए।
- सरकारी योजनाएं- सरकार द्वारा महिलाओं के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं और उनके लाभों के बारे में जानकारी दी गई।