अग्नि सुरक्षा अभियान में हिम्मत और हौसले की महती भूमिका

अग्नि सुरक्षा अभियान में हिम्मत और हौसले की महती भूमिका है । आग से बचाव हेतु जागरूकता जरूरी है । आग को तीन भागों में बांटा गया है । पहला कपड़े , कागज , लकड़ी , घास इत्यादि से लगने वाली आग को ‘ए’ श्रेणी तथा पेट्रोल , डीजल , केरोसिन से लगने वाली आग को ‘बी’ श्रेणी व गैस इत्यादि से लगने वाली आग को ‘सी’ श्रेणी में विभक्त किया जाता है । उक्त विचार संस्कार कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज में अग्नि सुरक्षा पर आयोजित सेमिनार में इंदौर पुलिस फायर स्टेशन के श्री चरणसिंग राजपूत ने व्यक्त किये । वे धार रोड स्थित महाविद्यालय परिसर में विद्यार्थियों को सम्बोधित कर रहे थे ।
महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो.(डॉ) श्याम सुन्दर पलोड ने कहा कि आग लगने पर घबराहट से नहीं हिम्मत से काम लेना चाहिए । अग्नि बचाव हेतु बुद्धि व तकनीक का इस्तेमाल ही सफलता का सूत्र है । छोटी छोटी बातें ध्यान में रखकर हम अग्नि दुर्घटना पर खुद की व समाज की सुरक्षा कर सकते हैं । भभकती आग की लपटें जागरूक लोगों की तत्परता से ही शांत होती है ।
इस अवसर पर विद्यार्थियों व स्टॉफ सदस्यों को प्रायोगिक तौर पर किस तरह से आग से बचाव किया जा सकता है इसका जीवंत प्रदर्शन किया गया । प्रदर्शन के बाद विद्यार्थियों व प्राध्यापकों से अग्नि पर रोकथाम हेतु कैसे कार्य किया जा सकता है उसका प्रायोगिक परीक्षण – प्रस्तुति के माध्यम से करवाया गया ।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्रो.राकेश शुक्ला , प्रो.भाग्यश्री शर्मा , प्रो.आयुषी जोशी , धनराज सिसोदिया सहित पुलिस फायर स्टेशन के विभिन्न अधिकारी इत्यादि उपस्थित थे । कार्यक्रम का संचालन प्रो.शरद सिकरवार ने किया व आभार प्रो.विजय दांडे ने माना ।