आस्था का सैलाब-सम्मेद शिखर बचाने उतरे लोग सड़क पर

माँगे मानो नहीं तो समग्र जैन समाज करेगा २०२४ लोकसभा चुनाव का बहिष्कार
इंदौर।जैनियों के शास्वत तीर्थ क्षेत्र सम्मेद शिखर की पहाड़ियों को भारत सरकार के पर्यावरण एंव वन्य मंत्रालय की अनुमति से झारखंड सरकार ने पर्यटन स्थल व वन्य जीव अभ्यारण क्षेत्र* *घोषित कर दिया, जिसके विरोध में हज़ारों की संख्या में रैली में स्त्री पुरुष शामिल हुए। इस मौन रैली में छोटे बच्चों, युवाओं, महिला शक्ति और वरिष्ठ समाज जनों ने बड़े उत्साह से भाग लिया और सब मिलकर राजबाडा से रीगल चोराहे पहुँचे जहां अहिंसा के पुजारी गांधी जी के समक्ष जे के जैन रिटायर्ड जज दिल्ली ने ज्ञापन वाचन किया।* *ज्ञापन वाचन के पूर्व नकुल पाटोदी ने कहा कि सरकार की इस नीति के खिलाफ देश भर के जैन समाज के लोग तीव्र विरोध कर रहे है।*
*जैनियों का यह महातीर्थ अगाध आस्था, श्रद्धा का केन्द्र है , यहाँ से जैन धर्म के बीस तीर्थकर व कोड़ा – कोड़ी मुनिराज मोक्ष गए है। यहाँ हज़ारों की संख्या में धर्मानुरागी पहुँचते हैं व धर्म साधना करते है।अनादिकाल से पारसनाथ पर्वतराज हमारा है, इसे किसी भी हालत में पर्यटन स्थल नहीं बनने देगें। पर्यटन स्थल घोषित होने से यहाँ विलासिता बढ़ेगी, मांसाहार विक्रय होगा , इससे सिद्ध क्षेत्र सम्मेद शिखर की आस्था का मूल भाव भी प्रभावित होगा।*
*यह योजना जैन समाज की आस्था पर प्रहार है ,संविधान के खिलाफ है ,जैन समाज तीव्र कड़ा विरोध करता रहेगा जब तक यह निर्णय वापस ना होगा।*
*सरकार को यह निर्णय वापस लेना होगा।*
*यदि सरकार शीघ्र निर्णय नहीं लेती है तो यह आंदोलन दिल्ली की और रूख करेगा जहां देशभर के जैन समाज के लोग इक्ट्ठा होकर २०२४ में होने वाले लोक सभा चुनाव का बहिष्कार करने का आव्हान करेगे।*
*कम है पर दम दिखा कर रहेगे।*
*मौन रैली में श्वेतांबर व दिगंबर दोनों के नेतृत्व में निकली जिसमें प्रमुख रूप से शामिल थे नरेन्द्र वेद , भरत मोदी , के के जैन , के एल जैन ,प्रदीप बडजात्या, पिंकेश टोग्या, जैनेश झांझरी उपस्थिथित थे ।यह जानकारी नकुल पाटोदी ने दी
ज्ञापन का वाचन जै के जैन रिटायर हाई कोर्ट जज ने किया।ज्ञापन प्रधानमंत्री मंत्री जी व मुख्यमंत्री झारखंड सरकार के नाम दिया गया।