अ.भा. वेद महोत्सव का तीन दिवसीय प्रतिष्ठा प्रसंग कल से
इंदौर, । राजमोहल्ला स्थित वैष्णव विद्यालय परिसर में 16 से 18 दिसम्बर तक होने वाले अ.भा. वेद महोत्सव के लिए सभी तैयारियां अंतिम चरण में पहुंच गई हैं। महोत्सव के लिए विद्वानों के आगमन का सिलसिला शुक्रवार से शुरू हो रहा है। आज यज्ञशाला एवं यज्ञकुंड का निर्माण पूरा होने के बाद महिलाओं ने गाय के गोबर से उनका लेपन कर शुद्धिकरण की प्रक्रिया पूरी की। ग्यारह ब्राह्मण विद्वानों द्वारा समाजसेवी अशोक डागा के आतिथ्य में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच महोत्सव के पांडाल निर्माण का काम भी लगभग पूरा हो गया है। आज दोपहर आयोजन समिति की बैठक में महोत्सव के कार्यक्रमों को अंतिम रूप दे दिया गया। शुभारंभ समारोह के मुख्य अतिथि एवं संतगण गुरुवार शाम को इंदौर पहुंच रहे हैं।
आयोजन समिति के संरक्षक सांसद शंकर लालवानी, स्वागताध्यक्ष विनोद अग्रवाल, अध्यक्ष पुरुषोत्तमदास पसारी ने बताया कि यज्ञशाला का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। आज यज्ञशाला में महिलाओं द्वारा गाय के गोबर से लेपन कर शुद्धिकरण का काम पूरा हो गया। महोत्सव के दौरान बैठक व्यवस्था को भी आज अंतिम रूप दे दिया गया। वेद महोत्सव के अनुरूप सप्त ऋषियों की परंपरा का निर्वाह करते हुए वेदपाठी बटुकों के लिए सात ऋषियों के नाम पर सात पंक्तियां तय की गई हैं। इनके नाम कश्यप, अत्रि, भारद्वाज, विश्वामित्र, गौतम, जमदग्नि, वसिष्ठ आदि के नाम पर रहेंगे।
तीनों दिन के कार्यक्रम – समिति के महासचिव राधेश्याम शर्मा गुरुजी तथा मीडिया प्रभारी रामस्वरूप मूंदड़ा ने बताया कि महोत्सव के निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शुक्रवार 16 दिसम्बर को सुबह 8 बजे चतुर्वेद पारायण एवं सस्वर भद्रसूक्त के साथ ऋग्वेद पारायण के बाद प्रातः 10 बजे अयोध्या के विद्याभास्कर जगदगुरू रामानुजाचार्य, स्वामी श्री वासुदेवाचार्य महाराज एवं श्रीमद वल्लभ संप्रदाय के जगदगुरू पद्मश्री गोस्वामी गोकुलोत्सव महाराज के सानिध्य एवं काशी के प्रोफेसर भगवतशरण शुक्ल के मुख्य आतिथ्य में शुभारंभ होगा। सायं 6 बजे बाबा सत्यनारायण मौर्य ‘हमारी जड़ें वेद एवं अमर वैदिक ज्ञान, अमर हिन्दुस्तान’ विषय पर अपने प्रभावी विचार रखेंगे। बाबा मौर्य एक प्रदर्शनी का भी आयोजन कर रहे हैं, जो तीनों दिन खुली रहेगी । वे वेद आधारित भारत माता की आरती का मंचीय प्रदर्शन भी करेंगे तथा आम लोगों की वेद एवं अपनी याज्ञिक परंपराओं से जुड़ी जिज्ञासाओं का समाधान भी करेंगे।
शनिवार 17 दिसम्बर को प्रातः 8 बजे सस्वर पुरुषसूक्त के पाठ के बाद 8.30 से 9.30 बजे तक मैसूर के आचार्य पं. के. संतोष कुमार, मैसूर के ही पं. अवधानुल चिन्मयदत्ता घनपाठी एवं बैंगलुरू के पं. चैतन्य जोशी द्वारा ऋग्वेद पारायण किया जाएगा। पारायण में बांसवाड़ा के पं. इंद्रशंकर झा एवं पं. हरसदलाल नागर भी शामिल होंगे। इसके पश्चात सुबह 9.30 से 10.30 बजे तक शुक्ल यजुर्वेद का पारायण त्रयंबकेश्वर के शैलेन्द्र कांकड़े, ब्रह्मचारी समर्थ एवं अद्वेत तथा त्रयंबकेश्वर के पं. खेमराज द्वारा किया जाएगा। इसमें वाराणसी के आचार्य श्रीनिवास पौराणिक एवं मोहनलाल चैतन्य मुखरिया, श्रीकृष्णमुरारी और तिरुपति के शबरी शरण के साथ विजयवाड़ा के जी.कृष्ण मोहन एवं अनंत सयाना चार्यालु जैसे प्रख्यात विद्वान करेंगे। सुबह 10.30 से 11.30 बजे तक सामवेद का पारायण मैसूर के एच.एन. श्रोती, श्रीकोहिर चैतन्यकुमार श्रोती एवं वि. कृष्ण शर्मा, दिल्ली के कुलदीप चौबे एवं भीलवाड़ा के ईश्वरलाल, विशाखापट्टनम के ए. मणिकंठ शर्मा करेंगे। सुबह 11.30 से 12.30 बजे तक विशाखापट्टनम के अशोक कुमार मिश्रा , गोकर्ण के श्रीधर अड़ी, तिरुपति के श्रीकृष्ण तेजा शर्मा, विजयवाड़ा के के.सूर्यनारायण शर्मा, प्रयागराज के ओमप्रकाश एवं दिल्ली के देवेन्द्र तिवारी अथर्ववेद का पारायण करेंगे। दोपहर में 2.30 से 5.30 बजे तक इंदौर के डॉ. विनायक पांडे, वाराणसी के प्रो. शीतलाप्रसाद पांडे एवं काशी के प्रो. पातंजल मिश्र के व्याख्यान होंगे, जिनमें वे यजुर्वेद का परिचय एवं विशेषताएं तथा सामवेद का भी परिचय एवं विशेषताएं बताएंगे।
रविवार 18 दिसम्बर को सुबह 9.30 से दोपहर 3.30 बजे तक विक्रम वि.वि. उज्जैन के पूर्व कुलपति प्रो. बालकृष्ण शर्मा, वृंदावन के प्रो. रामकृपाल त्रिपाठी, गोकर्ण के श्रीधर अड़ी तथा वृंदावन के डॉ. ऋषि कुमार तिवारी अथर्ववेद पर व्याख्यान देंगे। अपरान्ह 4 से 5 बजे तक समापन प्रसंग बालीपुर के स्वामी योगेश महाराज, महर्षि पाणिनि संस्कृत वि.वि. उज्जैन के प्रो. मिथिला प्रसाद त्रिपाठी एवं कुलपति प्रो. विजय कुमार मेनन के आतिथ्य में होगा। अपरान्ह 5 से 6.30 बजे तक युगपुरुष स्वामी परमानंद गिरि महाराज एवं महानिर्वाणी पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी विशोकानंद भारती के सानिध्य में धर्मसभा एवं विद्वतजनों का सम्मान समारोह होगा।
कार्यालय प्रमुख सुरेश बंसल ने बताया कि बाहर से आने वाले सभी विद्वानों के लिए धार रोड स्थित रामकृष्ण बाग पर और संस्कृत पाठशालाओं के वेदपाठी बटुकों को अंतिम चौराहा स्थित राठौर धर्मशाला, लाड़काना धर्मशाला, महेश नगर धर्मशाला, तेलीबाखल स्थित नारनोली अग्रवाल धर्मशाला, फतेहपुरिया समाज भवन एवं छत्रीबाग स्थित व्यंकटेश मंदिर पर आवास की व्यवस्था की गई है। इन सभी वेदपाठी बालकों का आगमन भी शुक्रवार शाम तक हो जाएगा। उज्जैन के संस्कृत विद्यालयों के बालक शुक्रवार सुबह आएंगे। बागली, कांटाफोड़ एवं महेश्वर के वेदपाठी बच्चों को लाने के लिए बसों की व्यवस्था की गई है।