गीता जयंती महोत्सव में इस बार अनेक ज्वलंत मुद्दों पर भी होगा विचार-मंथन

इंदौर।मालवा अंचल के प्रमुख आस्था केन्द्र गीता भवन पर 65वें अ.भा. गीता जयंती महोत्सव के सात दिवसीय आयोजन का शुभारंभ 2 दिसम्बर को दोपहर 1 बजे वैदिक मंगलाचरण एवं शंख ध्वनि के बीच दीप प्रज्ज्वलन के साथ होगा। जगदगुरु शंकराचार्य, पुरी पीठाधीश्वर स्वामी निश्चलानंद सरस्वती के सान्निध्य एवं अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के आचार्य, जगदगुरु स्वामी रामदयाल महाराज की अध्यक्षता में इस महोत्सव का शुभारंभ होगा। गीता जयंती का मुख्य महापर्व रविवार 4 दिसम्बर को सुबह 8 से 10.30 बजे तक गीताजी के सामूहिक पाठ के साथ मोक्षदा एकादशी को मनाया जाएगा। संत विद्वानों के प्रवचन प्रतिदिन दोपहर 1 से सायं 5.30 बजे तक होंगे। गीता जयंती के साथ ही सात दिवसीय श्री विष्णु महायज्ञ भी 2 से 8 दिसम्बर तक आचार्य पं. कल्याणदत्त शास्त्री के निर्देशन में प्रतिदिन सुबह 8 से 12 एवं दोपहर 3 से सायं 6 बजे तक होगा। इस बार गीता जयंती महोत्सव में संतों के प्रवचनों में लव जिहाद, धर्मांतरण, हिन्दुत्व, पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, वैचारिक प्रदूषण एवं शिक्षा नीति जैसे ज्वलंत मुद्दों पर भी विचार मंथन किया जाएगा और उपस्थित श्रद्धालुओं को प्रतिदिन समापन अवसर पर इन सभी बिन्दुओं पर जागरुकता की शपथ भी दिलाई जाएगी।
गीता भवन ट्रस्ट के अध्यक्ष राम ऐरन, मंत्री रामविलास राठी एवं कोषाध्यक्ष मनोहर बाहेती ने आज पत्रकारों को उक्त जानकारी देते हुए बताया कि 65वें गीता जयंती महोत्सव में देश के प्रख्यात संत-विद्वानों के आगमन का शुरू हो गया।