बड़वानी; बावनगजा में 1 से 8 नवंबर तक होगा सिद्ध चक्र मंडल विधान

बड़वानी। विजय निकुम।
बडवानी के निकट दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र बावनगजा पर विराजित संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्या सागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनिश्री दुर्लभ सागर जी और मुनिश्री संधान सागर जी महाराज का पिच्छी का परिवर्तन होगा। 1 नवंबर से अष्ठानिका पर्व प्रारंभ हो रहा है। इन 8 दिनों में सिद्धों की आराधना होती है।
उसी कड़ी में सिद्ध क्षेत्र पर भावी सिद्धों मुनिश्री दुर्लभ सागर जी और मुनिश्री संधान सागर जी महाराज के सानिध्य में सिद्धो की आराधना का मणि कंचन योग बन रहा है जिसका दिनांक 1 से 8 नवंबर तक आयोजित किया गया है। मुनिश्री संधान सागर जी ने बताया की उनके सानिध्य में इस सिद्ध क्षेत्र पर यह तीसरा बड़ा सानिध्य एक ही प्रवास मिलने का सुखद संयोग बना है।मुनिश्री ने बताया की यह सिद्ध चक्र मण्डल विधान मूल संस्कृत में होगा । बावनगजा ट्रस्ट कमेटी और भव्यातीभव्य चातुर्मास कमेटी ने समाज के लोगों से अपील की है की अधिक से अधिक की संख्या में सिद्ध भूमि में भावी सिद्धों के सानिध्य में सिद्धों की साधना और आराधना। इस महान अष्ठानीका पर्व में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होकर धर्म लाभ प्राप्त करे और गुरुओं का भी आशीर्वाद प्राप्त कर अपने जीवन को धन्य बनाए।उपरोक्त जानकारी मीडिया प्रभारी मनीष जैन ने प्रदान की।