नए शिक्षा सत्र से करेगा शुरुआत, एआई आधारित पोर्टल 3.0 पर काम शुरू बीआरसी के बजाय एरिया एजुकेशन ऑफिसर संभालेंगे स्कूलों की व्यवस्था
12 साल ठंडे बस्ते में पड़ी व्यवस्था अब होगी लागू, संकुल केंद्र व जनशिक्षा केंद्र भी नहीं रहेंगे बदलेगा शिक्षा विभाग का ढांचा एईओ की नियुक्ति होगी, डीपीसी व बीआरसी के पद खत्म किए जाएंगे

आशीष यादव धार
जिले सहित प्रदेश में बीआरसी की व्यवस्था खत्म होगी, ब्लॉक लेवल पर बीईओ की जगह एरिया एजुकेशन ऑफिसर की नियुक्ति की जाएगी। इसके लिए शिक्षा विभाग पहली बार एआई आधारित पोर्टल 3.0 भी डेवलप कर रहा है। यह पोर्टल विभाग को देगा। किस स्कूल में शिक्षकों की कमी है, कहां अतिशेष शिक्षक हैं, इससे विभाग को अपडेट करा देगा। ऐसे में शिक्षा विभाग के कार्य भी समय पर पूरे होंगे। इसके लिए अधिकारियों को शिक्षक, स्कूल और विद्यार्थियों का डाटा सत्यापित कर अपडेट करने के निर्देश दिए गए हैं। 1 से 12 वीं तक की सभी कक्षाओं की जिम्मेदारी जिला शिक्षा अधिकारी को ही दी जाएगी। अभी 1 से 8 वी तक राज्य शिक्षा केंद्र व 9 से 12 वीं की जिम्मेदारी डीईओ के पास है। इससे कार्य शिक्षा प्रभावित हो रही है।
12 साल बाद लागू किया:
2013 में सरकार ने राज्य शिक्षा सेवा यानि स्टेट एजुकेशन सर्विसेस के गठन का गजट नोटिफिकेशन किया था। इसके जरिए शिक्षा व्यवस्था के स्वरूप को पूरी तरह बदलने का दावा किया गया था। 12 साल तक यह व्यवस्था ठंडे बस्ते में पड़ी रही। अब 12 साल बाद इसे लागू किया जा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि एक अप्रैल से शुरू होने वाले सत्र के साथ यह व्यवस्था काम करने लगेगी। इसके तहत संकुल केंद्र, जनशिक्षा केंद्र और डीपीसी-बीआरसी ऑफिस खत्म कर दिए जाएंगे। इसी तरह बीईओ और डीईओ जैसे पुराने पद भी खत्म हो जाएंगे, उनकी जगह सहायक संचालक होंगे। उनकी भर्ती भी सीधे पीएससी के माध्यम से होगी।
स्कूलों की निगरानी के एरिया एजुकेशन ऑफिसर (एईओ) का पद रहेगा। वे मौजूदा संकुल केंद्र वाली व्यवस्था की जगह लेंगे। पुराने पदों में सिर्फ सीएसी ही बचे रहेंगे। वहीं नई व्यवस्था का विरोध भी हो रहा है। मौजूदा संकुल केंद्रों में से कई खत्म हो रहे हैं। इनमें से एक एमएलबी भी है, जिसे लेकर नाराजगी सामने आई।
सहमति नहीं ली गई:
संकुल केंद्रों में बदलाव की प्रक्रिया को लेकर लोक शिक्षण संचालनालय ने एक गाइडलाइन जारी की थी। इसमें स्पष्ट लिखा था कि अगर कोई संकुल केंद्र खत्म किया जा रहा है तो संबंधित प्राचार्य की लिखित अनुमति लेना होगी। इसी तरह नए संकुल केंद्र को बनाने के दौरान भी वहां के प्राचार्य से एनओसी लेना होगी कि उनके यहां पर्याप्त इंतजाम हैं भी या नहीं। आरोप है कि इन नियमों का पालन नहीं हो रहा है।
स्कूलों का सत्यापन कर मैपिंग करेंगे:
पहली बार एजुकेशन पोर्टल 3.0 को एआई आधारित बनाया जा रहा है। इस पर अब विभाग द्वारा जिले के सभी स्कूलों का सत्यापन कर उरसकी जीआई मैपिंग की जाएगी। इसमें कौन-कौन से स्कूल बंद है, उन्हें हटाया जाएगा। केवल वर्तमान में जो स्कूल चल रहे हैं उनकी जानकारी अपडेट की जाएगी। इसमें निजी व सरकारी सभी स्कूल शामिल किए जाएंगे। एआई बैस पोर्टल में अभी सभी विद्यार्थियों का डाटा अपलोड किया जाएगा। इसे वर्तमान में तैयार की जा रही अपार आईडी से लिंक किया जाएगा। इससे नई विद्यार्थी एक स्कूल को छोड़कर देश के किसी भी स्कूल में प्रवेश लेता है तो उसकी जानकारी पोर्टल के पास होगी। एक क्लिक पर पोर्टल शाला त्यागी बच्चों की जानकारी भी उपलब्ध कराएगा।
प्रक्रिया समय पर होगी:
शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार जिले के सरकारी व प्राइमेट स्कूलों में काम करने वाले शिक्षकों का सत्यापन किया जाएगा। किस कक्षा में कितने कियार्थियों पर कितने शिक्षकों की जरूरत है यह पोर्टल पर जानकारी अपलोड की जाएगी। कहां कितने शिक्षक हैं यह जानकारी सत्यापित कर अपलोड की जाना है। पोर्टल ही आवश्यकता होने पर शिक्षकों की नियुक्ति की अलर्ट विभाग को देगा। अतिशेष होने की जानकारी भी मिल जाएगी। इससे संविदा शिक्षकों की भर्ती व अन्य प्रक्रिया तय समय पर पूरी होगी व शिक्षा में सुधार होगा।
यह बदलाव होंगे
1. जिलास्तर :
डीईओ का पद अब सहायक संचालक (उच्च माध्यमिक शिक्षा) कहा जाएगा। वे कक्षा 9 से 12वीं तक के स्कूल देखेंगे। डीपीसी अब सहायक संचालक (प्राथमिक शिक्षा) कहलाएंगे। प्राइमरी व मिडिल स्कूल उनके आधीन होंगे। सहायक संचालकों की सीधी भर्ती होगी।
2. ब्लाक स्तरः
बीईओ की जगह सहायक संचालक होंगे। साथ ही एक एरिया एजुकेशन ऑफिसर रहेगा। बीएसी व बीआरसी नहीं रहेंगे।
3. जनशिक्षा केंद्र:
डीपीसी प्रदीप खरे ने बताया कि वर्तमान में जिले में 150 जनशिक्षक की आवश्यकता है मगर अभी 50 जनशिक्षक कार्य कर रहे। वही 111संकुल है। नई व्यवस्था के बाद बदलाव होने की उम्मीद है। वही हर केंद्र पर एक एरिया एजुकेशन ऑफिसर और दो सीएसी रहेंगे। शिक्षकों का पूरा डाटा इन केंद्रों पर रहेगा। यानि यही से उनके वेतन व अन्य कामकाज निपटाए जाएंगे। अभी यह पूरी व्यवस्था बीईओ ऑफिस में केंद्रित कर दी गई है, जिससे भारी परेशानी हो रही है। हालांकि इस व्यवस्था में बदलाव का ही विरोध हो रहा है।
दिशा निर्देशों के मुताबिक काम हो रहा है
• नई व्यवस्था को लेकर सभी काम दिशा निर्देशों के मुताबिक हो रहे हैं। इसमें अगर किसी को आपत्ति है तो उसे भी सुना जाएगा। इसको लेकर काम ह्यो रहा है।
लक्ष्मण देवड़ा, डीईओ धार।