सनावद। भगवान चंद्रप्रभु स्वामी के मोक्ष कल्याणक दिवस पर मंदिरों में हुई विशेष पूजा…

राहुल सोनी सनावद। जैन श्रद्धालुओं ने गुरुवार को अष्टम तीर्थंकर भगवान चंद्रप्रभु का मोक्ष कल्याणक मनाया। जैन मंदिर में अभिषेक शांति धारा के साथ पूजन कर श्रद्धालुओं ने निर्वाण लाडू चढ़ाया।
उपरोक्त जानकारी देते हुए शुभम जैन एवं बसंत पंचोलिया ने बताया कि प्रातः 6 बजे आदिनाथ जिनालय में पुष्पेंद्र जैन, प्रफुल्ल जैन, तपन जैन ने श्रीजी का जलाभिषेक, शांति धारा के बाद आरती की। सलित जैन, शुभम जैन, संदीप चौधरी, जयप्रकाश जैन, संध्या जैन, सुजाता जैन सावित्री जटाले ने पूजा कर निर्वाण लाडू चढ़ाया।
श्री सुपार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में नरेश पाटनी, कमलेश भूंच, राकेश जैन,सत्येंद्र जैन, राजू जैन ने अभिषेक शांति धारा के बाद भगवान चंद्रप्रभु जी की विशेष पूजा तथा निर्वाण कांड पाठ के बाद निर्वाण लाडू चढ़ाया। श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन बड़ा मंदिर में सुभाष जैन, सुनील पंचोलिया ने अभिषेक, पूजा-पाठ कर श्रद्धालुओं के साथ निर्वाण लाडू चढ़ाकर मोक्ष कल्याणक मनाया।
निर्वाण लाडू चढ़ाकर भक्ति एवं आस्था व्यक्त की। पार्श्व ज्योति मंच के अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र जैन भारती ने बताया कि भव्यात्मायें वैराग्य अवस्था में जिन दीक्षा लेकर कठोर तपस्या के बाद केवलज्ञान प्राप्त कर लोगों को सद्मार्ग पर लगाकर जन्म-मृत्यु के चक्कर से रहित होकर मोक्ष प्राप्त करते हैं। देवगण आकर उनका मोक्ष कल्याणक मानते हैं।
चंद्रपुर नगर के राजा महासेन एवं रानी लक्ष्मणा के यहां भगवान चंद्र प्रभु जी ने जन्म लिया था। दर्पण में अपने मुख को देखकर शरीर को नश्वर मानकर अपने दिगंबर दीक्षा धारण कर ली और श्रमण धर्म का प्रचार करने लगे। आपके समवशरण में ढाई लाख दिगंबर मुनि थे। धर्म प्रचार के उपरांत अपने फाल्गुन शुक्ल षष्ठी के दिन शाश्वत सिद्ध क्षेत्र सम्मेद शिखर जी से योग निरोध कर सिद्धावस्था प्राप्त की थी।