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शिवालयों में दर्शन-पूजन के लिए लगी रही दिनभर कतारें, प्रसादी का वितरण, धारेश्वर महादेव मंदिर में हुए भगवान का पूजन, गंगा महादेव में लगा भगोरिया मेला:

हर-हर महादेव से गूंजे शिवालय, जलाभिषेक कर किया पूजन दिनभर रहा मन्दिरो में भीड़।

आशीष यादव धार

जिलेभर में महाशिवरात्रि पर्व उत्साह के साथ मनाया गया। शिवभक्त अलसुबह से शिवालयों में जुट गए थे। भगवान के दर्शन-पूजन के लिए दिनभर मंदिर में कतार लगी रही। श्रद्धा के साथ लोगों ने भगवान शिव का पूजन कर जलाभिषेक किया। साथ ही अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए प्रार्थना की। शहर के प्राचीन शिवालयों में भगवान के दर्शन-पूजन का दौर दिनभर चलता रहा। साथ ही शिवभक्तों का प्रसादी का भी वितरण किया गया। शहर के प्राचीन धारेश्वर महादेव मंदिर में सुबह 4 बजे भगवान धारनाथ का पंचामृत अभिषेक किया गया। इसके बाद श्रृंगार कर भस्मा आरती की गई। आरती के बाद श्रद्धालुओं के लिए दर्शन-पूजन के लिए गर्भगृह को खोल दिया गया। भगवान धारनाथ के दर्शन और जलाभिषेक के लिए दिनभर मंदिर परिसर में कतार लगी रही। मंदिर में भगवान का पूजन करने के लिए पहुंचे शिवभक्तों को आरती मंडल द्वारा खिचड़ी और खीर प्रसादी का वितरण किया गया।

आश्रम पर लगा भक्तों का तांता:

प्राचीन धारेश्वर महादेव मंदिर के अलावा बलखंड़ी महादेव और श्री नित्यानंद आश्रम पर भी शिवभक्तों का दिनभर तांता लगा रहा। श्री नित्यानंद गुरुदेव के दर्शन कर भक्तों ने प्रसाद ग्रहण की। इनके अलावा नीलकंठेश्वर, पीपलेश्वर, गुप्तेश्वर, नागचंद्रेश्वर महादेव व सोमेश्वर महादेव मंदिर पर भी भक्तों का दिनभर तांता लगा रहा वही मोहन टाकीज स्थिति पिलेश्वर महादेव का विशेष श्रृंगार किया गया वह एक चलित मुखौटा भी रखा गया है जो आकर्षण का केंद्र रहा।

भंडारों में फरियाली सामग्री बांटी:
शिवरात्रि के अवसर पर जिले व शहर में अनेक स्थानों पर भंडारों का भी आयोजन किया गया। लोगों ने टेंट लगाकर खीर, चिप्स, केले, साबूदाने की खिचड़ी समेत फरियाली सामग्री प्रसादी के रूप में बांटी। सड़क किनारे स्टाल लगाकर वाहन सवारों को रोककर प्रसादी दी जा रही थी। इसके अलावा लोगों ने घरों में पार्थिव शिवलिंग बनाकर भी भगवान भोलेनाथ का अभिषेक किया। भगवान को भांग, धतूरा, बिल्व पत्र, शमी और आकड़े का फूल चढ़ाकर प्रसन्न किया।

धूप के लिए लगाया टेंट:
प्राचीन मंदिर होने के कारण धारेश्वर मंदिर में भक्तों की भीड़ अधिक होती हैं, फरवरी के अंतिम सप्ताह में दोपहर के समय गर्मी बढ़ गई है। ऐसे में भक्तों को दिक्कत नहीं आए, इसके लिए मंदिर समिति ने प्रांगण में टेंट भी लगवाया हैं। साथ ही पुलिस जवान भी सुरक्षा की दृष्टि से तैनात किए गए है। वही शहर भर में शिव मंदिरों में धूमधाम से शिवरात्रि का त्यौहार मनाया गया।

क्या संदेश देती है महादेव की बारात:
मानवीय रिश्तों में समर्पण का भाव- माता पार्वती ने भगवान शिव को प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी। उनका यह समर्पण और अटूट विश्वास आज के समय में रिश्तों में धैर्य, विश्वास, और प्रेम की महत्ता को दर्शाता है।

प्रकृति और पर्यावरण का सम्मान- शिव जी की बारात में नाग, बैल, वन्य जीव, और साधु-संत शामिल थे। यह हमें सिखाता है कि प्रकृति और पर्यावरण सभी के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण हैं। आज, जब पर्यावरण असंतुलन और जलवायु परिवर्तन गंभीर मुद्दे बन चुके हैं, शिव बारात हमें प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित करने की प्रेरणा देती है।

ये कथा नहीं, पूरा एक जीवन दर्शन है- भगवान शिव की बारात सिर्फ एक पौराणिक कथा नहीं, बल्कि पूरा एक जीवन दर्शन है। यह विविधता में एकता, सामाजिक समरसता, प्रेम, और सादगी का संदेश देती है, जो आज के युग में भी अत्यंत प्रासंगिक है। अगर हम इन मूल्यों को अपने जीवन में अपनाएँ, तो हमारा समाज अधिक समतामूलक और सौहार्दपूर्ण बन सकता है।

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