ग्राम अनारद के सरपंच के निधन पर गांव में शोक की लहर
गांव को विकास शील बनाने में अहम योगदान दिया

आशीष यादव धार
ग्राम पंचायत अनारद के सरपंच रतनलाल वसुनिया (53) का आकस्मिक रविवार शाम को हो गया वे पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे और उनका इलाज भी चल रहा था वे गांव के तीसरी बार सरपंच बने थे। सरपंच पद पर रहते हुए ग्राम में काफी सराहनीय कार्य किये वे अपने सकुशल व्यवहार से अपने सरपंच के कार्यकाल में पूरे क्षेत्र में जनता के बीच अच्छे कार्यो के चलते इनकी पहचान बनी थी। वह मृदुल स्वभाव के थे उनके निधन से गांव में शोक की लहर दौड़ गई गांव के लोगो ने एक संघर्षर्शील,निर्भीक,साहसी, ऊर्जावान ईमानदार, विकास पुरुष एवं कर्तव्य निष्ठ व्यक्ति को खो दिया है, जिसकी भरपाई संभव नहीं
निधन से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर:
सरपंच रतनलाल वसुनिया के निधन की खबर सुनते ही पूरे गांव में शोक की लहर फैल गई है। उनके निधन की खबर पाकर आस पास के क्षेत्र से जनप्रतिनिधि सहित अन्य प्रबुद्ध व्यक्ति उनके ग्राम अनारद दाह संस्कार स्थल पहुंचकर श्रद्धांजलि दी तथा कहा कि एक सच्चे जनप्रतिनिधि के निधन से क्षेत्र को भारी क्षति पहुंची है। जबकि उनके ग्राम अनारद के पंडित आलोक शर्मा,कालू सिंह डोडिया, आशाराम यादव, परसराम पटेल, गोपाल बिल्लौरे, गोपाल मंडलोई,गजराज पटेल, कमल यादव, मुकेश परमार,अतुल राठौड़, महेश मालवीय,राजेंद्र सिसोदिया, रणजीत रघुवंशी, मुकेश पंवार, राहुल यादव,सफी खा, कासम खा, शेर खा, सलाम खा, मोमिन खा, गुलखा सकील खा, सुखराम,प्रकाश, लाखन, सहित गांव के सभी लोगों एवं जनप्रतिनिधियों ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि एक सच्चे जनप्रतिनिधि एवं समाजसेवी के निधन से क्षेत्र को काफी क्षति पहुंची है। उन्होंने पीड़ित परिवार के लिए संवेदना प्रकट करते हुए भगवान उनकी आत्मा को शांति दे तथा उनके परिवार को इस दुख की घड़ी में इस दुख को सहने की क्षमता दें।
गांव को विकास शील बनाने में अहम योगदान दिया :
ग्राम पंचायत अनारद में प्रथम बार वर्ष 2010 से श्री रतनलाल वसुनिया निर्वाचित हुए थे जब से लेकर वर्तमान तक कई विकास कार्य कीये है जिसमे पंचायत भवन,शासकीय प्राथमिक स्कूल, स्कूल बाउंड्रीवाल, स्कूल में पेवर्स ब्लाक,गांव की पेयजल टंकी निर्माण घर घर नल ,आंगनवाड़ी भवन, आदिवासी बस्ती में एवं पूरे गांव सीमेंट कांक्रीट रोड,पक्की नाली निर्माण,सार्वजनिक शौचालय निर्माण, कुटी में पुलिया निर्माण, सामुदायिक भवन, शीतला माता यात्री प्रतीक्षालय निर्माण, जल संवर्धन एवं किसानो के खेतो में जाने के लिए खेत सड़क निर्माण, आदि विकास कार्य किए गांव को विकसित बनाने के लिए इत्यादि विकास कार्य करवाए जो हमेशा याद रखे जायेगे।
गांव के लिए कानूनी लड़ाई भी लड़ी:
गांव के विकास के लिए रतनलाल वसुनिया हमेशा अग्रसर रहते थे जो सभी समाजों को साथ लेकर चलते थे गांव के विकास एवं गांव के भलाई के लिए कई कानूनी लड़ाई लड़ी जिसमे से एक ग्राम पंचायत अनारद के स्वामित्व की पंचकास्तरकर भूमि सर्वे नम्बर 212 रकबा 6.702 हेक्टेयर 26 बीघा के कब्जे को छोड़वाने लिए जिला कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट तक कानूनी लड़ाई लड़ी जिसमे जीत प्राप्त कर भूमि को मुक्त करवाकर ग्राम पंचायत अनारद को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उक्त पंचकास्तकार भूमि को खेती के लिए लीज पर देकर ग्राम पंचायत में राजस्व अर्जित कर शासन प्रशासन के लिए एक मिसाल पेश की।