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सदियों से चलते आ रही देजा प्रथा पर लगेगी रोक, बाजारू दारू के साथ ही डीजे पर भी लगेगा प्रतिबंध,मिशन D3के तहत आदिवासी समाज ने लिया निर्णय।

खंडवा।मुश्ताक मंसूरी।सदियों से चलती आ रही देजा प्रथा के साथ ही बाजार की शराब वडीजे पर प्रतिबंध को लेकर आदिवासी बारेला, भिलाला, भील , कोटवार समाज ने मिशनD3कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमें समाज के प्रमुख लोगों ने हिस्सा लिया।
खंडवा जिले के वन आंचल में बसे ग्राम भीलखेड़ी में आदिवासी समाज के लोग एकत्रित हुए जहां पर समाज उत्थान को लेकर लंबी चर्चा चली जिसमें समाज ने D3पर फोकस करते हुए सर्व प्रथम इस पर अमल करने की बात कही मिशन D3 में तीन कार्यों का जिक्र हे जिसमें सबसे पहले देजा को रखा है देजा प्रथा जो कि सदियों से इन समुदायों में प्रचलित है देजा में लड़का लड़की की शादी के बाद लड़के पक्ष से रुपए लेने का प्रावधान है जो कि सदियों से यह परम्परा चलते आ रही थी लेकिन वर्तमान स्थिति में इस प्रथा का दुरूपयोग होते देख समाज ने इसे रोकथाम का निर्णय लिया हैं। इसके बाद दारू पर भी समाज प्रमुखों ने नवाचार किया है जिसमें बाजार की शराब पूरी तरह से बंद करके घर पर देशी शराब वह भी उतनी ही जो सरकार से आदिवासी समाज को छूट मिली हैं उससे अधिक का उपयोग भी नहीं किया जाएगा। तीसरा है डीजे जो कि आदिवासी संस्कृति से इसका दूर दूर तक कोई नाता नहीं है जबकि आदिवासी समाज ढोल मंजरे, मांदल की थाप के साथ मधुर बांसुरी के लिए प्रख्यात है अब हम लोग अपनी पुरानी संस्कृति को फिर से अपने शादी विवाह अन्य कार्यक्रमों में लेकर आएंगे।

कार्यक्रम के अध्यक्ष वरसिंह सोलंकी ने बताया देजा प्रथा जो लंबे समय से चल रहा है जिसके लिए आज आदिवासी समाज के अंतर्गत आने वाली बारेला, भिलाला, भील, कोटवार समुदाय के पटेल सरपंच सभी एकत्रित होकर निर्णय लिया गया कि समाज को आगे बढ़ाने के लिए D3 के नियमों का पालन किया जाएगा जिसमें सर्वप्रथम देजा पर रोकथाम करना पड़ेगा इस प्रथा से समाज पिछड़ते जा रहा है इसके साथ ही हमें दारू पर भी रोकथाम करना है हमारे होने वाले कार्यक्रम में बाजार की शराब नहीं लेकर आएंगे सिर्फ हम लोग घर बनाई हुई कच्ची शराब का ही उपयोग करेंगे साथ ही डीजे पर पूरा प्रतिबंध लगाना है यह हमारी संस्कृति में नहीं था हम आदिवासी लोग मधुर ध्वनि वाले यंत्र ढोल, मांदक, अपने कार्यक्रमों में इस्तेमाल करेंगे कानफोडू डीजे पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाने का संकल्प लेकर पूरी समाज इस मिलकर प्रदेश में इसका पालन करने के लिए समाज को प्रेरित करेंगे।
बाइट।।

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