मध्यप्रदेश में बेलगाम अफसरशाही: मातहतों से दुर्व्यवहार के बढ़ते मामले
वन विभाग के अफसर पर गाली-गलौज और अभद्रता का आरोप, जांच की मांग
आशीष यादव धार/खरगोन।
मध्यप्रदेश में अफसरों का व्यवहारिक बर्ताव भी लगातार सवालों के घेरे में आ रहा है। कई वरिष्ठ अधिकारी अपने मातहत कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार, गाली-गलौज और जातिगत टिप्पणी जैसी हरकतें कर रहे हैं। ऐसे मामले कई बार सार्वजनिक हो चुके हैं, लेकिन अधिकतर मामलों में कार्रवाई नहीं हो पाती, जिससे यह प्रवृत्ति लगातार बढ़ती जा रही है।
ताजा मामला खरगोन वन मंडल के भीकनगांव वन परिक्षेत्र का है,जहां एसडीओ दिनेश वास्केल पर डिप्टी रेंजर सुखलाल जमरे ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने और मारपीट की धमकी देने का आरोप लगाया है। इसको लेकर वन कर्मियों में रोष है, जिसके चलते बड़ी संख्या में वनकर्मी डीएफओ कार्यालय पहुंचे और लिखित शिकायत दर्ज कराई।
डिप्टी रेंजर सुखलाल जमरे का कहना है कि वह सीएम हेल्पलाइन की जांच के सिलसिले में अधिकारी के साथ गए थे। देरी से लौटने पर एसडीओ वास्केल ने न केवल गाली-गलौज की, बल्कि मारने के लिए हाथ भी उठाया। वन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष उदय सिंगोरिया ने इसे अनुचित बताते हुए डीएफओ से उचित कार्रवाई की मांग की है।
इससे पहले भी एसडीओ वास्केल पर एक राजस्व अधिकारी से अभद्रता करने का आरोप लग चुका है। बावजूद इसके, कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। वन विभाग में इस तरह की घटनाओं से कर्मचारियों में असंतोष बढ़ रहा है।
डीएफओ रमेश राठौर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच का आश्वासन दिया है।अब देखना होगा कि क्या इस बार कोई ठोस कार्रवाई होती है या फिर मामला पूर्व के मामलों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाता है।
शिकायतकर्ता
सुखलाल जमरे,पीड़ित डिप्टी रेंजर: ने कहां कि “ऑफिस पहुंचने पर साहब ने गाली दी और मारने की कोशिश की।”
उदय सिंगोरिया,अध्यक्ष वन कर्मचारी संघ “अफसर का यह व्यवहार अनुचित है, वरिष्ठ अधिकारी कार्रवाई करें।”
रमेश राठौर, डीएफओ खरगोन:”शिकायत मिली है, जांच कराएंगे।”
सरकारी कार्यालयों में अफसरों का बढ़ता अहंकार
ऐसे मामले केवल वन विभाग तक सीमित नहीं हैं। प्रदेश के कई अन्य सरकारी विभागों में भी वरिष्ठ अफसरों द्वारा मातहतों को अपमानित करने की घटनाएं सामने आती रहती हैं। हाल ही में जिला पंचायत सीईओ आकाश द्वारा एक अधीनस्थ अफसर से दुर्व्यवहार करने की घटना भी चर्चा में थी।