धार के रिंगनोद में पिता और रतलाम में बेटे के घर ईओडब्ल्यू का छापा, दोनों नौकरी में विवादों में रहे। संस्था प्रबंधक नन्दकिशोर को विभाग ने किया निलंबित
इंदौर में भी जांच और तलाशी : 3 मकान, 4 गाड़ियां, 2 प्लॉट की जानकारी
आशीष यादव धार
धार जिले के रिंगनोद क्षेत्र में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) की इंदौर जोन टीम ने एक बड़ी कार्रवाई की। टीम ने स्थानीय सहकारी समिति के प्रबंधक नंदकिशोर सोलंकी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की शिकायत पर छापेमारी की। सुबह 6 बजे से शुरू हुई इस कार्रवाई में तीन अलग-अलग स्थानों रिंगनोद, रतलाम और इंदौर में एक साथ दबिश दी गई। बेटा विकास सोलंकी की पत्नी प्रीति डेहरिया जिला पंचायत में अकाउंट ऑफिसर के पद पर हैं। उनके पिता नंदकिशोर सोलंकी आदिम जाति सेवा सहकारी समिति के प्रबंधक हैं। पैतृक घर पर मां, बड़े भाई और भाभी रहती हैं। भाई की इंदौर और जोबट के बीच दो बसें चलती हैं। ईओडब्ल्यू को अपनी शुरुआती जांच में पता चला कि 40 हजार रुपये वेतन पाने वाले प्रबंधक सोलंकी के पास 28 साल की नौकरी में लगभग 4 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति है। ईओडब्ल्यू के एसपी यादव ने बताया कि सोलंकी की 28 सालों की नौकरी में कुल वैध आय लगभग 50 लाख रुपए होनी चाहिए, लेकिन उनके पास इससे कई गुना अधिक संपत्ति मिली। जांच में सोलंकी के स्वामित्व में तीन मकान, चार गाड़ियां, तीन बसें और एक निर्माणाधीन पेट्रोल पंप की जानकारी सामने आई। इसके अलावा इंदौर में दो प्लॉट भी उनके
नाम पर हैं। विशेष रूप से, उनके बेटे विकास सोलंकी, जो रतलाम नगर निगम में अकाउंट ऑफिसर हैं के खिलाफ भी लोकायुक्त पुलिस द्वारा आय से अधिक संपत्ति का मामला चल रहा है। ईओडब्ल्यू की एक टीम रतलाम में भी दस्तावेजों की जांच कर रही है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अभी जांच जारी है और आने वाले समय में और भी खुलासे हो सकते हैं।
बेटा रतलाम नगर निगम में कई मामलों में फंसा
रतलाम में नगर निगम के अकाउंट ऑफिसर विकास सोलंकी
के घर भी ईओडब्ल्यू ने छापा मारा। इंदौर से ईओडब्ल्यू की टीम सुबह 4 बजे सोलंकी के ग्लोबस कॉलोनी और धार स्थित रिंगनोद गांव में पैतृक निवास पर पहुंची। ईओडब्ल्यू के इंदौर के डीएसपी पवन सिंघल के नेतृत्व में टीम दस्तावेजों की जांच कर रही है। पिता और बेटे के खिलाफ मामला आय से अधिक संपत्ति से जुड़ा है। विकास सोलंकी के घर के बाहर भी अधिकारी मौजूद हैं।
विवादों में हमेशा रहे विकास सोलंकी
विकास सोलंकी पहले भी विवादों में रहे हैं। 7 महीने पहले उज्जैन लोकायुक्त ने सोलंकी समेत 36 आरोपियों के खिलाफ राजीव गांधी सिविक सेंटर के प्लॉट्स बेचने के मामले में एफआईआर दर्ज की थी। सिविक सेंटर की करोड़ों की जमीन को कम दामों में बेचने का आरोप था। मामला दर्ज होने के सोलंकी को नगर निगम में कमिश्नर पद से निलंबित कर दिया गया था। विभागीय स्तर पर भी कार्रवाई के बाद उनका निलंबन खत्म करके उन्हें अकाउंट ऑफिसर बनाया गया था। अब वे इस मामले में फंस गए।
सहकारिता विभाग में इन दिनों बंदरबांट जारी:
कहने को तो खुद नरेंद्र मोदी व सरकारी का मंत्री अमित शाह मंचों से सहकारिता विभाग की तारीफ करते हैं। ओर राज्य सरकार में खुद मुख्यमंत्री मोहन यादव कहते है। किसानों की साथ सहकारिता के हाथ का नारा बुलंद करते है मगर जमीन स्तर पर देखा जाए तो यहां भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है। आए दिन कोई ना कोई मामले सामने आते रहते हैं वहीं अगर धार सरकारिता विभाग की बात करें तो एक महीने में दो मामले आय से अधिक संपत्ति के मामले सामने आ चुके हैं अगर सख्त से कार्रवाई की जाए तो यह कार्रवाई और बढ़ सकती है। वहीं विभाग में आए दिन कुछ ना कुछ मामले होते रहते हैं वहीं पिछले दिनों पलवाड़ा सोसाइटी में भी लाखों रुपए की गबन का मामला सामने आया था। वहीं कई सालों तक राजेंद्र सूरी का मामला भी चर्चाओं में बना हुआ था। जो प्रदेश स्तर पर भी इसकी गूँज अखबार में गूँजी थी। वही इन दिनों विभाग के सभी कर्मचारी गब्बर बनकर बैठे है। यहा बड़े कमर्चारी भी एडे बनाकर पेड खा रहे हैं।
सौलंकी को किया निलंबित:
नदकिशोर सोलंकी संस्था प्रबंधक बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था मर्या. (बी-पैक्स) रिंगनोद के विरूद्ध आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) इन्दौर जोन द्वारा सोमवार को आय से अधिक संपत्ति अर्जन के संबंध में भ्रष्टाचार निवारण नियंत्रण अधिनियम के तहत की गयी कार्यवाही के संबंध में विभिन्न नंदकिशोर सोलंकी, संस्था प्रबंधक बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था मर्या. (बी-पैक्स) रिंगनोद को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। निलंबन अवधि में नंदकिशोर सोलंकी को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।