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मैदान सजता है, कार्यालय सजते लेकिन शहीद की स्मारक नहीं आज भी बाढ़ संजो रे देश के महापुरुष।

आशीष यादव धार

26 जनवरी 2025 को देश अपना 76 वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है इस कार्यक्रम को लेकर देशभर में तैयारियां जोरो शोरो से होने लगी है कई मैदानों को सजाया जा रहा है तो कार्यालयों पर भी सजावटों का दौर जारी है 25 तक सभी शासकीय भवनों पर भी शासन सख्ती से गणतंत्र दिवस की पूर्व तैयारियां पूर्ण करवाता है इसी के अंतर्गत धार जिला मुख्यालय पर भी आयोजन किया जाना है धार के किला मैदान पर परेड होंगी तो सांस्कृतिक आयोजनों का भी लुफ्त शहरवासियों के लिए आकर्षण का केंद्र रहेगा। इन सब के बीच दुर्भाग्य की बात है कि जिन महापुरुषों के बलिदान और शहादत के बल पर इस देश को आजादी मिली उन्हीं को नजर अंदाज करना धार के लिए आम बात है, यहां शहर में कई स्थानों पर देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की बलि देने वाले महापुरुषों की प्रतिमाएं स्थापित है लेकिन उनको याद न करना और न ही उनकी प्रतिमाओं का रंग रोगन करना प्रशासन की नाकामी है।

राजनीति में प्रतिमाओं का हो रहा है इस्तेमाल:
नगर में कई स्थानों पर प्रतिमाएं है को महापुरुषों में कोई राजनेता है तो कोई स्वतंत्रता सेनानी और कोई स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े शहीद। इन महापुरुषों की प्रतिमा लगाने का मूल उद्देश्य आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा और उनके बलिदान को याद किए जाना है लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि इन दिनों राजनीति फायदे के लिए इनका इस्तेमाल किया जाने लगा है, इन महापुरुषों की जन्मदिवस और बलिदान दिवस पर राजनेता अपने टीमों के साथ पहुंचे फोटो सेशन करवाते है, इसके अलावा न तो प्रशासनिक कार्यक्रम आयोजित होते है और न ही किसी अन्य कार्यक्रमों का आयोजन।

राष्ट्रपिता का चश्मा गायब, धूल खा रही प्रतिमाएं:
शहर में अनेक महापुरुषों की प्रतिमाएं और स्मारक है जो वर्तमान हालात में धूल खा रही है। जब अखबार की टीम द्वारा इन महापुरुषों की प्रतिमाओं के स्थानों पर जाकर देखा तो स्थिति खराब नजर आई, हटवाड़ा स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पक्षियों ने गंदगी फैला रखी है तो बापूजी का मूल स्वरूप ही बदला हुआ है बापूजी की प्रतिमा से चश्मा ही गायब कर रखा है, लालबाग स्थित राष्ट्रगान के रचयिता रवीन्द्रनाथ टैगोर की प्रतिमा पर पक्षियों ने अपना डेरा डाल दिया है जिससे प्रतिमा पहचानने तक में नहीं आ राय है इधर लालबाग में ही राजा भक्तावर सिंह की प्रतिमा धूल से लबरेज है बल्कि लालबाग में नपा के कर्मचारी कार्यरत है उसके बावजूद इन महापुरुषों की प्रतिमा धूल खा रही है इधर राजवाड़ा स्थित भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की प्रतिमा से महीने पहले डाली गई फूलों की माला नहीं हट पाई है तो गंदगी की भरमार है उनके पास आवारा पशुओं ने डेरा डाल रखा है । संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर जी की प्रतिमा पर पक्षियों ने गंदगी कर रखी ओर चश्मा भी नही है ऐसे कई और महापुरुषों की स्मारकों का भी यही हाल है।

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