बड़वानी

नर्मदा संरक्षण व पौधरोपण का संकल्प लिया

राजेश नाहर। खेतिया। अमृत वन फाउंडेशन के नेतृत्व में नर्मदा नदी के संरक्षण के उद्देश्य से निकली यात्रा मध्यप्रदेश के महाराष्ट्र की सीमा के नगर खेतिया पहुंची। ग्रामीणों के बीच संगोष्ठी आयोजित कर नर्मदा के संरक्षण को लेकर चर्चा की गयी।
पर्यावरण संरक्षण को लेकर नर्मदा यात्री आरके दोगाया ने इस यात्रा के उद्देश्य के बारे में बताया। वरिष्ठ संपादक प्रहलाद शर्मा ने ग्रामीणों को नदियों तथा पेड़ पौधों का मानव जीवन में महत्व बताया। उन्होंने कहा कि हम नर्मदे हर बोलते हैं इसका मतलब होता है कि नर्मदा मैया मेरे सारे दुख हर लें। लेकिन अब स्थिति थोड़ा उल्टी है, अब नर्मदा मैया हमें पुकार कर बोल रही है बेटा हर इसका अर्थ है कि बेटा अब आप मुझे बचाओ, मैं खतरे में हूं, मेरा अस्तित्व खतरे में है। श्री शर्मा ने नर्मदा की सहायक नदियों तथा नर्मदा के तटवर्ती किसानों द्वारा अपने खेतों की मेंढ़ों पर पौधारोपण करने जैसे विषय पर भी विस्तृत प्रकाश डाला।
समाज सेवी सुमन सिंह ने प्रकृति तथा नर्मदा संरक्षण के लिए हम अपने घर परिवार से कैसे शुरुआत करना चाहिए विषय को लोकभाषा में समझाया। जिसमें उन्होंने बताया गया कि हम नर्मदा मैया की तस्वीर को घर में तो पूजते हैं, उसके आगे साफ सफाई करते हैं, लेकिन पूजा से प्राप्त सामग्री को कचरे के रूप में ले जाकर वास्तविक मैया की गोद में डालकर उसको दूषित करते है। यह कैसी पूजा है, यह कैसा हमारा भाव है जो मैया अभी तक हमें बचाती आई है हम उसी को बर्बादी कर रहे हैं। इस बात से प्रभावित होकर ग्रामीणों ने शपथ ली कि अब वह अपने घर की हवन पूजन सामग्री नदियों में प्रवाहित नहीं करेंगे। इतना ही नहीं बल्कि अपने घर का निस्तारी पानी घर पर या घर के बाहर सोखता गड्ढा खोदकर जमीन में ही उतारेंगे और उसे नालियों के माध्यम से नदी तथा नर्मदा में नहीं जाने देंगे। अपने खेतों की मेंढ़ों पर पौधारोपण करेंगे।उन्होंने नर्मदा नदी की वर्तमान स्थिति को लेकर दुख व्यक्त करते चिंता जताई
प्रगति शील कृषक अरविंद सारन ने सभी को इस यात्रा के उद्देश्य के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि हरदा जिले के पर्यावरण प्रेमी गौरीशंकर मुकाती द्वारा पिछले 30 वर्षों से पौधरोपण के क्षेत्र में कार्य किया जा रहा है। उनकी प्रेरणा से हरदा, खंडवा, नर्मदापुरम तथा सीहोर जिले के लगभग 20 हजार से अधिक किसानों ने अपने खेतों की मेंढ़ों पर लगभग 2 करोड़ पौधों का रोपण किया है।


समाजसेवी राजेश नाहर नेयात्रा के उद्देश्य को सार्थक बताते हुए नर्मदा नदी से हो रहे रेत उत्खनन को लेकर अपनी बात रखी।
अमृत वन संरक्षण फाउंडेशन के बेनर तले यह नर्मदा पर्यावरण संरक्षण यात्रा टैगौर विद्यालय के प्रांगण पहुंचने पर यात्रा के तहसील संयोजक अतुल निकुम ने पूरी यात्रा का स्वागत सम्मान किया।पर्यावरण संगोष्ठी का संचालन व अतिथि परिचय राजा मलगाया ने दिया। इस अवसर पर कोशिश पटेल,किसन ऐसिकर, श्याम हरसोला, हीरालाल संचेती,गोविंद चौधरी के आथित्य में हुई संगोष्ठी में काफी संख्या में वरिष्ठ नागरिक युवा शक्ति उपस्थित थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!