पूरा पीथमपुर बंद, आंदोलन कर रहे राजू पटेल और राजकुमार रघुवंशी ने खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह की कोशिश की, लाखों लोग सड़कों पर उतरे, नेताओं अधिकारियों की सांसें फूली पीथमपुर के उद्योगों ने भी अपने उद्योग बंद कर दिए हैं
लोगों ने कहा-यह कैसे कानून व्यवस्था जीवन को तबाह होने से बचने के लिए विरोध किया तो जवाब में प्रदर्शनकारियो पर चल रही लाठियां हिंदुस्तान में भी हो गया तानाशाह शुरू
धार। आशिष यादव। अपने जीवन की अमूल सांस लेने के लिए हवा को दूषित नहीं होने के लिए पीथमपुर की जनता एकमत होकर सड़क पर उतरे हैं क्योंकि भोपाल से जहरीला कचरा ट्रैकों के माध्यम से पीथमपुर लाया गया है। जब अब पीथमपुर भी में रामकी की कंपनी में जलन जा रहा है । जिसको लेकर स्थानी लोगों ने आज बाजार बंद कर धरना प्रदर्शन कर अपना विरोध जताया वहीं विरोध के बदले प्रशासन व पुलिस द्वारा उनको इनाम के रूप में लाठियां चार्ज किया है जिसमे कही चोटी लगी। वही पीथमपुर में प्रदर्शन के दौरान यूका का कचरा जलाए जाने के विरोध में आंदोलन कर रहे राजू पटेल और राजकुमार रघुवंशी ने खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह की कोशिश की। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक इलाज के बाद दोनों को प्राइवेट वाहन से इंदौर के निजी अस्पताल भेजा गया है। यूनियन कार्बाइड का कचरा जलाने के विरोध में पीथमपुर-सागौर पूरा बंद, बाजारों में पसरा सन्नाटा पसरा पड़ा है। भोपाल गैस कांड के जहरीले कचरे को पीथमपुर में जलाने का विरोध तेज, जनता को नहीं समझ आए जनप्रतिनिधियों के तर्क। सीएम और मंत्री की अपील का भी नहीं दिखा असर। भोपाल गैस कांड के कचरे को पीथमपुर में जलाने का विरोध तेज हो गया है। आज सुबह से पूरा पीथमपुर बंद है। कहीं पर भी दुकानें नहीं खुली हैं। लोगों ने स्वेच्छा से दुकानों को बंद रखा है। हजारो लोग सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। बंद के समर्थन में पीथमपुर के उद्योगों ने भी अपने उद्योग बंद कर दिए हैं। इसके साथ ही पुलिस भी पूरे पीथमपुर के हर क्षेत्र में नजर बनाए रखी हुई है। शुक्रवार को दो तीन जगह विरोध के रूप में कुछ लोगों ने चक्काजाम करने का प्रयास किया था।
दो युवकों ने आत्मदहा करने की कोशिश:
पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड का कचरा जलाए जाने के विरोध में आंदोलन कर रहे राजू पटेल और राजकुमार रघुवंशी ने खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह की कोशिश की। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक इलाज के बाद दोनों को इंदौर के निजी अस्पताल भेजा गया है। इससे भड़के आंदोलनकारी रामकी एनवायरो इंडस्ट्रीज जाने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस ने बैरिकेडिंग करके उन्हें रोक लिया है।
उधर, बस स्टैंड पर चल रहे धरना प्रदर्शन के मद्देनजर वाहनों को महेंद्रा ब्रिज होते हुए पावर हाउस चौराहे से डायवर्ट किया गया है। यहां मौजूद महिलाओं ने चूड़ियां इकट्ठा कर जनप्रतिनिधियों को भेजने की बात कही है।
पीथमपुर बचाओ समिति के सदस्य भी दिल्ली से लौटकर प्रदर्शन स्थल पहुंच गए हैं। वहीं, गुरुवार से अनशन पर बैठे किसान संदीप रघुवंशी ने कहा है कि जहरीला कचरा यहां से वापस जाने तक अनशन जारी रहेगा
कचरा आते ही उग्र हुआ प्रदर्शन
कल रात भोपाल से पीथमपुर में कचरा आने के बाद से प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की सांसें फूली हुई हैं। पुलिस, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की समझाइश का जनता पर कोई असर पड़ता नजर नहीं आ रहा है। सभी संगठन, संस्थाएं एक मंच पर आकर इसका विरोध कर रही हैं। स्थानी लोगों का कहना है कि यह कचरा हमारी मौत का कचरा बनकर ही रहेगा ना इस ओर सरकार ना ही प्रशासन कोई ध्यान दे रही है कचरा जलाना था तो अन्य जगह जलाया जाता पीथमपुर ही क्यों चुना।
सड़क पर उतरे जनता
पूरा पीथमपुर बंद, हजारो लोग सड़कों पर उतरे, नेताओं अधिकारियों की सांसें फूली हुई । भोपाल गैस कांड के जहरीले कचरे को पीथमपुर में जलाने का विरोध तेज,
भोपाल गैस कांड के जहरीले कचरे को पीथमपुर में जलाने का विरोध तेज, जनता को नहीं समझ आए जनप्रतिनिधियों के तर्क। सीएम और मंत्री की अपील का भी नहीं दिखा असर।
बच्चे भी हुए शामिल
पीथमपुर विरोध के रूप में बच्चों ने भी मैदान पकड़ लिया है। वहां युवा, महिलाएं, बच्चे सब प्रदर्शन में शामिल होकर विरोध कर रहे है वही रहवासियों घरों से बाहर निकल कर समर्थन कर रहे है। बंद को रहवासियों का पूरा साथ मिला है। हर जगह बंद का असर नजर आ रहा है। कोई भी सड़कों पर कारोबार करता नजर नहीं आ रहा। लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि कचरा जलाना शुरू किया तो आंदोलन और भी भड़क जाएगा।
इंदौर से गए कई संगठन
इंदौर से कई संस्थाओं और सामाजिक संगठनों के लोग पीथमपुर गए हैं। बड़ी संख्या में इंदौर में भी लोग इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। मजदूर संघ, किसान संघ, रहवासी संघ और कई संस्थाएं पीथमपुर जाकर विरोध प्रदर्शन में हिस्सा ले रही हैं। वहीं लोगों का कहना है अगर यह कचरा जलता है तो इससे कहीं खतरनाक बीमारी होने का अंदेशा बना रहेगा
सीएम की अपील का नहीं दिखा असर
कल सीएम मोहन यादव ने विरोध कर रहे लोगों को संतुष्ट करने का प्रयास किया लेकिन उसका कोई असर नहीं दिखा। भोपाल से इंदौर आए 337 टन विषैले कचरे को लेकर जारी विरोध के बीच इंदौर में कैलाश विजयवर्गीय की मौजूदगी में एक बैठक आयोजित की गई। उन्होंने कहा कि हमें भी शहर की चिंता है। रातभर हमने सरकार को सोने नहीं दिया। उन्होंने कहा कि जहरीले कचरे से जनता भयग्रस्त न हो, शंका का समाधान जरूरी है। उन्होंने सभी से बात की लेकिन उनकी बात से भी आंदोलन पर खासा असर नहीं पड़ा। सुबह होते ही हजारो लोग सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए निकल गए।
यह है कहानी जहरीले कचरे की कहानी
बता देकि 40 साल पहले भोपाल में 1984 को 2-3 दिसंबर की रात यूनियर कार्बाइड फैक्टरी से गैस रिसने लगी थी। मिथाइल आईसोसाइनाइड गैस से दम घुटने के कारण पांच हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और इस गैस त्रास्दी का असर बाद में पैदा होने वाली संतानों पर भी देखा गया। इसकी का डर यहा के आसपास की जनता को सताने लगा है। 2015 में कुछ टन कचरा रामकि मर जलाया था इसका दर्द आज भी कही गाँवो के लोग भुगत रहे है।यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को लेकर पीथमपुर में विरोध तेज हो गया है. इसे लेकर पीथमपुर से लेकर दिल्ली तक विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं. दिल्ली में जंतर-मंतर पर पीथमपुर बचाओ समिति ने प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में मानव अधिकार परिषद के कार्यकर्ता भी शामिल हुए।
कानून व्यवस्था बनाऐ रखने के लिए कदम उठाने पड़ते- हैं-पीथमपुर में आंदोलनकारी को समझाइए दी गई है। इसके साथ उनकी बात सुनी गई है। कानून व्यवस्था बनाऐ रखने के लिए कदम उठाने पड़ते हैं।-मनोजकुमार सिह एसपी धार।