खंडवा

हरसूद; युवती की प्राइवेसी के उल्लंघन का मामला, भाजपा मंडल अध्यक्ष के खिलाफ एफआईआर दर्ज

निलंबित टी आई के पक्ष मे सोशल मीडिया पोस्ट करना बीजेपी मण्डल अध्यक्ष क़ो पड़ा भारी

टी आई कोरी से समर्थन मे ग्रुपों मे पीड़िता का वीडियो डाल रहा था बीजेपी नेता

खंडवा। मुश्ताक मंसूरी। मध्यप्रदेश के खंडवा जिले के हरसूद में एक युवती की शिकायत पर निलंबित किये गए थाना प्रभारी अमित कोरी के समर्थन मे शोशल मीडिया ग्रुप पर मसेज करने वाले भाजपा मंडल अध्यक्ष प्रीतम डोडवा के खिलाफ प्राइवेसी के उल्लंघन और अपमानजनक सामग्री पोस्ट करने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। मामला तब सामने आया जब निलंबित टीआई अमित कोरी के पक्ष में मंडल अध्यक्ष ने सोशल मीडिया पर युवती के खिलाफ अपमानजनक पोस्ट डाली थी।

घटना का विवरण
शिकायतकर्ता युवती ने बताया कि वह पारिवारिक मामले में हरसूद थाना प्रभारी अमित कोरी से मिलने गई थी। इस मुलाकात का एक वीडियो रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया। वीडियो में युवती, उसकी मां और उसका एक दोस्त नजर आ रहे थे। यह वीडियो वॉट्सऐप ग्रुप ष्अपना नगर छनेरा हरसूदष् में पोस्ट किया गया था।

युवती का आरोप है कि भाजपा मंडल अध्यक्ष प्रीतम डोडवा ने उसे बदनाम करने और उसकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने की मंशा से वीडियो और चौटिंग सार्वजनिक की। सबूत के तौर पर युवती ने संबंधित वीडियो और स्क्रीनशॉट अपने पास सुरक्षित रखे हैं।

कानूनी कार्रवाई
हरसूद पुलिस ने भाजपा मंडल अध्यक्ष प्रीतम डोडवा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 79 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और सोशल मीडिया पोस्ट को भी आधार बनाया गया है।

किया था टीआई क़ो ससपेंड
इससे पहले, युवती की शिकायत पर थाना प्रभारी अमित कोरी को निलंबित किया गया था। निलंबन के बाद मंडल अध्यक्ष ने टीआई का समर्थन करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली, जिसमें युवती के खिलाफ अनर्गल बातें लिखी गईं।

सवाल यह थाना प्रभारी के कक्ष का cctv वीडियो कैसे हुआ वायरल
पीड़िता कि शिकायत पर थाना प्रभारी अमित कोरी क़ो निलंबित किया गया था कोरी द्वारा पीड़िता क़ो लगातार सोशल मीडिया पर स्टॉक किया जा रहा था। साथ ही कोरी द्वारा पीड़िता क़ो इंदौर मे फ्लेट दिलाने का लालच दिया गया था। साथ पति क़ो छोड़ कर खुद के साथ रहे का दबाव बनाया जा रहा था। मामले कि शिकायत होने और पुलिस अधीक्षक द्वारा टीआई क़ो ससपेंड किये जाने के बाद कई महीने पुराना थाना प्रभारी के कक्ष का सीसी टीवी वीडियो कि क्लीप सामने आना भी संदेहास्पद हैं क्यूंकि थाना प्रभारी के कक्ष के सीसी टीवी तक आम आदमी कि पहुंच संभव नहीं होती हैं।

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