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बड़वाह। मातम में बदला खुशियों का पर्व,, संजा माता विसर्जन करने गई तीन बालिका नदी में डूबी,,

कपिल वर्मा बड़वाह। बलवाड़ा थाने के अंतर्ग्रत आने वाले ग्राम करोंदिया की चोरल नदी में बुधवार को तीन बालिकाओं की डूबने से मौत हो गई। वहीं साथ आई चौथी बालिका ने इसकी सूचना ग्रामीणों को दी। जिसके बाद सभी को नदी से बाहर निकाला गया। बताया जा रहा हैं तीनों बालिकाएं ग्राम की ही महिलाओं के साथ गोबर से बनी आकृतियां (संजा माता) विसर्जन करने गई थी। आकृति विसर्जन के बाद चार बालिकाएं नहाने लगी। इस दौरान एक बालिका के डूबने के बाद दो अन्य बालिका उसे बचाने गई। जिसमें दो अन्य बालिका भी पानी में डूब गई।इसके बाद चौथी बालिका ने ग्रामीणों को सूचना दी। तीनों बालिकाओं में दो सगी बहनें अंशिका पिता मनोज (10), मीनाक्षी पिता मनोज (12) और कृष्णा पिता विनोद (14) तीनों बालिकाएं करोंदिया निवासी जो पानी में डूब गई। जिन्हें ग्रामीणों की मदद से बाहर निकाल कर ग्राम बलवाड़ा के शासकीय अस्पताल लाया गया। जहां सभी को मृत घोषित कर पोस्टमार्टम के लिए बड़वाह शासकीय अस्पताल लाया गया। जहां से सभी शव परिजनों को सौंप दिए गए।

क्या हैं संजा माता का त्यौहार——– यह त्योहार श्राद्ध पक्ष के साथ शुरू होता है और 16 दिनों तक चलता है। इस त्योहार में बालिकाएं और महिलाएं दीवारों पर गोबर से चांद, सूरज, तारे, ऊंट, घोड़े, हाथी, भगवान श्री गणेश वगैरह आकृतियां बनाती हैं। रोज़ाना शाम को संजा माता को रंग-बिरंगे फूलों से सजाकर पूजा की जाती है।

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