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सेंधवा; हमें शिक्षक नहीं वरन् गुरूओं की आवश्यकता है जो विद्यार्थीयों का चहुँमुखी विकास करें

सेंधवा। गुरू वह होता है जो अपने शिष्यों को किताबी ज्ञान के साथ-साथ व्यवहारिक ज्ञान भी सिखाता है। वर्तमान में बच्चों में संस्कारों की काफी कमीयाँ नजर आती है इसलिए शिक्षक का दायित्व है कि वह बच्चों में संस्कार विकसित करने के लिए भी अतिरिक्त प्रयास करें। आज हमें शिक्षक नहीं वरन् गुरूओं की आवश्यकता है जो विद्यार्थीयों का चहुँमुखी विकास करें। बच्चों के बीच जाकर सदैव नई उर्जा का आनंद मिलता है।
ये विचार डॉ. शंभुसिंह गौड़ ‘‘मनहर’’ राष्ट्रीय कवि एवं सेवा निवृत्त प्राध्यापक खरगोन ने शिक्षा प्रसारक समिति द्वारा आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि की आसंदी से व्यक्त किये। साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों में देश भक्ति की भावना जागृत करने हेतु ‘देश बड़ा बलवान हमारा, देश बड़ा बलवान कारगिल के माथे पर चंदन, मुस्काता गलवान’ का काव्य पाठ कर सभी में देश प्रेम के प्रति जोश भर दिया।
कार्यक्रम के विशेष अतिथि श्री राकेश राणा साहित्यकार एवं सेवा निवृत्त अधिकारी खरगोन ने कहा कि जब एक शिक्षक कक्षा में हजार बार पहुँचता है तब जाकर चंद्रयान अपनी प्रथम कक्षा में पहुँचता है। गुरू वह हस्ती है जो भविष्य बताता नहीं वरन् भविष्य बनाता है।
संस्था अध्यक्ष बी. एल. जैन ने संस्था के पूर्वजों को याद करते हुए समिति की विगत 70 वर्षों की गतिविधियों से अवगत कराते हुए कहा कि यह संस्था विद्यार्थियों में पढ़ाई के अलावा अनुशासन एवं संस्कारों को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी कारण विगत वर्षो के बोर्ड कक्षाओं के परीक्षा परिणाम उत्कृष्ट रहे है। साथ ही यह संस्था शैक्षणिक गतिविधियों के साथ ही स्वास्थ्य गतिविधियों में भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रही है।
कार्यक्रम में गुरू वंदन के अंतर्गत वशिष्ट, गुरू द्रोणा चार्य व जगत गुरू कृष्ण आदि को समर्पित कर सुन्दर नृत्य की प्रस्तुती स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा दी गई जिसे देखकर उपस्थित जन हर्ष विभोर हो गए। कार्यक्रम में सम्मानित शिक्षक के.सी. पालीवाल, धनराज पाटील, मेघा दुबे, राहुल मण्डलोई, जयश्री कुलकर्णी, नितीन शर्मा, मनोज जोशी, अल्पना कानूनगो, अभिषेक तिवारी, को दीर्घ एवं समर्पित सेवा प्रदान करने के कारण गुरू वशिष्ठ सम्मान से अतिथियों द्वारा उन्हें शॉल , श्रीफल व प्रशस्ती पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। साथ ही चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शांतिलाल वास्कले, हीराबाई जाधव का भी शॉल, श्रीफल से सम्मान किया गया। 20 जुलाई 2024 को संस्था परिसर में आयोजित स्वास्थ्य शिविर में उल्लेखनीय एवं विशिष्ट सेंवाए प्रदान करने के उपलक्ष्य में मीना सोनी, सुनिता पालीवाल, रूपाली पाटील, ललिता सोनी, ममता निकुंम को भी स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। वर्ष भर स्कूल में शिक्षक प्रोत्साहन गतिविधियाँ आयोजित की गई, जिनमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों का भी सम्मान किया गया। आभार संस्था सचिव शैलेषकुमार जोशी द्वारा माना गया।
कार्यक्रम में बी.एल. जैन, पीरचंद मित्तल, दिलीप कानूनगो, रविंद्रसिंह मंडलोई, शैलेष कुमार जोशी, गोविंद मंगल, दीपक लालका, मनोज कानूनगो, प्रह्लाद यादव, विष्णुप्रसाद सिव्हल, शरद पालीवाल, गोपीकिशन अग्रवाल, मोहन शरण खण्डेलवाल, गिरधारी गोयल, ने उपस्थित सभी शिक्षकों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन विद्यालयीन विद्यार्थी अथर्व पालीवाल व इशान्वी जोशी द्वारा किया गया। कार्यक्रम में नगर के गणमान्य नागरिक शिक्षक व शिक्षीकाएं व विद्यार्थी उपस्थित थे।

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