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पर्यावरण संरक्षण के लिए सेंधवा की संस्कृति 2017 से बना रही मिट्टी की गणेश प्रतिमा
सेंधवा। निवासी संस्कृति प्रतीक भावसार वर्ष 2017 से मिट्टी की गणेश प्रतिमा बना रही है। इस वर्ष भी संस्कृति ने मट्टी के गणेश जी बनाकर गणेश चतुर्थी पर पूजा अर्चना की। संस्कृति भावसार ने बताया की मिट्टी से बनी मूर्ति सबसे शुद्ध होती है। इसे बनाने में किसी भी तरह के केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। पानी में आसानी से घुल जाने के कारण इस मूर्ति को घर पर ही विसर्जित किया जा सकता है। मिट्टी की मूर्ति ईको- फ्रेंडली होती है। इस मूर्ति से पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है। इसलिए मिट्टी से बनी प्रतिमाएं ही गणेशोत्सव के दौरान स्थापित करनी चाहिए।