बड़वानी; कस्तूरबा आश्रम निवाली की बालिकाओं ने बनाई मिट्टी के गणेश जी की प्रतिमा
बड़वानी। सत्याग्रह लाइव। आज पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन विशेषकर पर्यावरण प्रदूषण के दुष्परिणाम के नतीजे भुगत रहीं हैं। ऐसे में कस्तूरबा आश्रम, निवाली की कक्षा 3 री बालिकाओं में एक नई पहल की है, जिन्होने मिट्टी के 108 पार्थिव गणेश जी का निर्माण किया ।
ये पार्थिव गणेश बालिकाऐं अपने पालकों को सौंपेगी, जो कि अपने घर इन गणेश प्रतिमाओं को स्थापित करेंगे। आश्रम के राजेन्द्र शर्मा के मार्गदर्शन में इन नन्हीं नन्हीं बालिकाओं के द्वारा पार्थिव गणेश का निर्माण किया। जिन्हें देखकर ऐसा लगता हैं मानों किसी मूर्तिकार की यह रचना हो।
प्लास्टर ऑफ पेरिस के दुष्परिणाम
मिट्टी से बने गणेश बनाने पर राजेन्द्र शर्मा ने कहा कि पर्यावरण को बचाने लिए विगत कई वर्षों से हम यह कार्य कर रहे हैं। जिससे मिट्टी वाले गणेश जी प्रतिमाओं का प्रचार प्रसार हो और प्लास्टर ऑफ पेरिस का उपयोग कम से कम हो।बाजार में प्लास्टर आंफ पेरिस के गणेश मिलते है, जो नदी या पानी में घुलते नहीं। वर्षाे तक पानी में ही रहते हैं। जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। अतः हम यह मिट्टी के गणेश बना कर दुनियां को नया संदेश दे रहे हैं।
पालको को भेंट करेंगे
कस्तूरबा आश्रम की निर्देशिका पुष्पा सिन्हा दीदी ने इस अवसर पर बताया कि बालिकाओं द्वारा निर्मित ये पार्थिव गणेश वे अपने पालकों को भेंट करेगी ।पुष्पा दीदी ने बताया कि जिस प्रकार मां पार्वती ने अपनी सुरक्षा के लिए गणेशजी को प्रकट किया था, उसी प्रकार मिट्टी से बने ये पार्थिव गणेश जी भी उनकी रक्षा करेंगे । 10 दिन तक पूजा अर्चना करने के पश्चात ये पार्थिव गणेश जी घर पर तुलसी के गमले में विसर्जित कर सकते हैं। उन्होंने आगे बताया कि पूरी दुनियां को पर्यावरण व जलवायु के प्रति जागरूक होना होगा, अन्यथा सृष्टि का अस्तित्व खतरे में आ जाएगा। इस कार्य में हॉस्टल इंचार्ज पुष्पा पटेल और मार्गदर्शन सुश्री कलावती किराड़े उप प्रतिनिधि और स्कूल से सुश्री सुशीला मैडम, सुश्री मोनिका धनगर, श्री मुकेश का बड़ा योगदान रहा।